भोपाल। छतरपुर स्थित बक्स्वाहा बंदर हीरा खदान मेसर्स ऐस्सल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आदित्य बिड़ला ग्रुप) मुंबई द्वारा सरेंडर करने के बाद यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। बिड़ला ने दो माह पहले हीरा खदान को चलाने में असमर्थता जाहिर करते हुए इसे सरेंडर करने के लिए खनिज साधन विभाग को प्रस्ताव भेजा था। विभाग ने उन्हें पक्ष रखने को कहा है। इससे नाराज बिड़ला ग्रुप करीब एक माह पहले हाईकोर्ट चला गया। बता दें कि कंपनी को 50 वर्ष के लिए खदान लीज पर दी गई थी, पर 3 वर्ष में वन एवं पर्यावरण की अनुमति लेने में अक्षम रहने पर कंपनी ने खदान सरेंडर कर दी।