नई दिल्ली। भारत मेडिसिन के क्षेत्र में बड़ा बाजार बनकर उभरा है और हर रोज नए नए प्रयोग से दुनिया में अपनी धाक जमा रहा है। अब देश ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जो बीमारी 1000 में से 1 व्यक्ति को हो, उसे रेयर यानी दुर्लभ बीमारी माना जाता है। अगर भारत में ऐसी 200 से ज्यादा बीमारियां होती हैं तो कुल मिलाकर 7 फीसदी आबादी किसी ना किसी रेयर बीमारी की चपेट में है। ऐसी 80 फीसदी बीमारियों की वजह जेनेटिक होती हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 8.4 करोड़ से 10 करोड़ मरीजों को कोई ना कोई दुर्लभ बीमारी है। सरकार ने इनमें से 13 दुर्लभ बीमारियों पर काम करना शुरू कर दिया है। फिलहाल 8 बीमारियों की दवाओं पर काम चल रहा है, जिसमें से 4 दवाएं बाजार में आ चुकी हैं। बाकी 4 दवाएं रेगुलेटरी प्रक्रिया में हैं। अगले कुछ महीनों में ये दवाएं भी बाजार में आ सकेंगी। इसमें गौचर डिजीज से लेकर स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) जैसी बीमारियां भी शामिल हैं। भारत को साल भर में ही चार रेयर डिजीज की दवाइयों को बनाने में सफलता मिली है। इन दवाइयों को जन औषधि केंद्र में भी पहुंचाने की योजना है।