नई दिल्ली। सरकार ने उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए ई-कॉमर्स मंचों पर डार्क पैटर्न के इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया है। कंपनियां डार्क पैटर्न के जरिए ग्राहकों को धोखा देने या उनके व्यवहार और पसंद को प्रभावित करने की कोशिश करती हैं। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने डार्क पैटर्न रोकथाम एवं विनियमन दिशानिर्देश के लिए अधिसूचना जारी की। यह भारत में वस्तुओं और सेवाओं की पेशकश करने वाले सभी मंचों, विज्ञापनदाताओं और विक्रेताओं पर भी लागू है। नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक डार्क पैटर्न का सहारा लेना उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन होगा। इसे भ्रामक विज्ञापन या अनुचित व्यापार व्यवहार माना जाएगा, जिस पर जुर्माना लगेगा।