न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा जारी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में साल 2021 में 74.1 प्रतिशत भारतीय स्वस्थ आहार लेने में असमर्थ थे। वहीं साल 2020 के आंकड़ों पर गौर करें तो ये 76.2 प्रतिशत था। पड़ोसी देश पाकिस्तान में 82.2 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जो स्वस्थ खाना नहीं खा पाते। वहीं बांग्लादेश में ये आंकड़ा 66.1 प्रतिशत है। रिपोर्ट में लोगों के स्वस्थ आहार न लेने का कारण भी बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर लोग घटती आय और बढ़ती महंगाई की वजह से अच्छा खाना नहीं खा पाते और उन्हें कंजूसी में जीवनयापन करना पड़ रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक देश में एक व्यक्ति अपनी डाइट पर 2.97 डॉलर यानी 247 रुपए प्रतिदिन खर्च कर रहा है। उसे अपनी डाइट के लिए हर महीने 7,310 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। ऐसे में 4 लोगों के परिवार में ये आंकड़ा 29,210 रुपए बैठता है, जो भारत में हर व्यक्ति की आय नहीं है।
एशिया और प्रशांत महाद्वीप में स्थिति ज्यादा गंभीर
- रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में सबसे गंभीर स्थिति एशिया और प्रशांत क्षेत्र में है। जहां पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को पोषक आहार न मिलने जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
- इसके चलते 5 साल से कम उम्र के बच्चों को बौनेपन, कमजोरी और बढ़ते वजन का सामना करना पड़ता है।
- गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की समस्या देखने को मिल रही है।
- देश की 16.6 प्रतिशत आबादी ऐसी है, जो कुपोषण का शिकार है।