चेन्नई। कन्याकुमारी, तिरुनेलवेल्ली, थूथुकुडी और तेनकासी सहित दक्षिणी तमिलनाडु के कई जिलों में हुई मूसलाधार बारिश ने एक बार फिर से भारी तबाही मचाई है। खेत, सड़कें, रिहायशी इलाके तथा पुल जलमग्न हो गए हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो बाढ़ का पानी नदियों की तरह हर तरफ उफना रहा है। पिछले दिनों भी चक्रवात मिचोंग की वजह से चेन्नई समेत राज्य के कई हिस्सों में भारी तबाही हुई थी। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने सोमवार को कहा कि दक्षिणी तमिलनाडु के 39 क्षेत्रों में अत्यधिक भारी वर्षा हुई। सरकार ने 18 दिसंबर को चारों जिलों में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। अधिकारी ने बताया कि थूथुकुडी जैसे क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त नौकाएं तैनात की गई हैं। उन्होंने बताया कि कम से कम 7,500 लोगों को इलाके से सुरक्षित निकाला गया तथा उन्हें 84 राहत शिविरों में रखा गया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के कर्मियों, अग्निशमन विभाग तथा पुलिस टीमों ने भारी बाढ़ वाले इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकाला तथा उन्हें स्कूलों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर पहुंचाया।बाढ़ का पानी घरों में घुसने के कारण तिरुनेलवेली जिले में लोग दो मंजिला घरों की छत पर शरण लिए हुए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे पहले उन्होंने ऐसे हालात नहीं देखे।उधर मुख्य सचिव शिव दास मीणा ने संवाददाताओं को बताया कि बारिश और बाढ़ की वजह से सेना, नौसेना और वायु सेना की मदद मांगी गई है। उन्होंने कहा कि बचाव और राहत अभियान के लिए 84 नौकाएं तैनात की गई हैं।