नई दिल्ली। शीतकालीन सत्र के 11वें दिन सोमवार को संसद में सुरक्षा चूक मामले पर लोकसभा में विपक्षी ने जमकर हंगामा किया। एक घंटे से भी ज्यादा समय लगातार जारी हंगामे और आसंदी की समझाइश बेअसर होते देख आखिरकार लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन समेत 33 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया। इससे पहले शुक्रवार को भी लोकसभा स्पीकर ने 13 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया था। अब लोकसभा से इस सत्र में निलंबित होने वाले सांसदों की संख्या बढ़कर 46 हो गई है, जबकि इसी मामले में राज्यसभा में हंगामा करने वाले तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ ब्रायन को भी सस्पेंड किया जा चुका है। विपक्ष ने इस कार्रवाई को तानाशाही करार दिया है, वहीं सत्ता पक्ष इसे विपक्ष की सदन न चलने देने की सुनियोजित रणनीति करार दे रहा है।
राज्यसभा से भी 45 सांसद सस्पेंड
लोकसभा में हंगामे और थोक में विपक्षी सासंदों के निलंबन के बाद राज्यसभा में भी इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। यहां पर भी लोकसभा की ही तरह कहानी दोहराई गई। पक्ष औप विपक्ष के सांसदों के बीच जमकर तकरार चली और हंगामा हुआ। इसके बाद विपक्षी सांसदों को आसंदी से समझाइश दी गई, लेकिन विपक्ष का हंगामा जारी रहा। ऐसे में राज्यसभा से भी 45 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। इनमें से 34 को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया है और 11 को निलंबित करते हुए उनका मामला विशेषधिकार समिति को भेजा गया है। सस्पेंड सांसदों में जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल और रणदीप सिंह सुरजेवाला के नाम शामिल हैं। 14 दिसंबर को 13 लोकसभा और एक राज्यसभा सांसद को सस्पेंड किया गया था। आज लोकसभा से 33 और राज्यसभा से 45 सांसद सस्पेंड हुए। ऐसे में अब तक संसद की सुरक्षा में चूक मामले पर 92 सांसद निलंबित हो चुके हैं।