भोपाल। पीएम उत्कृष्टता महाविद्यालय विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करेंगे। हर जिले में जिला महाविद्यालयों को पीएम उत्कृष्टता महाविद्यालय के रूप में उन्नयन किया जाएगा। सर्वसुविधायुक्त महाविद्यालय का निर्माण किया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय में विद्यार्थियों और प्राध्यापकों से संवाद कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि महाविद्यालयीन शिक्षा को प्रदेश में उच्चतम स्तर तक ले जाने के लिए पीएम उत्कृष्टता महाविद्यालय निर्मित करने का निर्णय लिया गया है। इन महाविद्यालयों में सभी संकायों से सबंधित कोर्स संचालित किए जाएंगे। विद्यार्थियों के लिए सर्व सुविधा युक्त कक्षाएँ, खेल मैदान, ऑडिटोरियम, प्लेसमेंट सेल, ट्रेनिंग सेंटर आदि की सुविधा होगी।
देश के विकास का आधार बनेगी नई शिक्षा नीति
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति को क्रियान्वित करने में मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य रहा है। इस नीति के अनुसार महाविद्यालयीन शिक्षा के साथ वोकेशनल सब्जेक्ट, व्यक्तित्व विकास, योग शिक्षा और संगीत सहित विभिन्न विषयों की शिक्षा दी जाएगी। योग्य प्राध्यापक और ट्रेनर की नियुक्ति की जाएगी। प्लेसमेंट सेल के जरिए विद्यार्थियों को उनकी योग्यता अनुसार रोजगार प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्राध्यापकों और विद्यार्थियों से संवाद करते हुए उन्हे प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नई शिक्षा नीति, डिजि-लाकर, जैसे विषयों पर संवाद किया।
मुख्यमंत्री – नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों के विकास के लिए क्या क्या प्रावधान है?
प्राध्यापक – नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों के समेकित विकास पर केंद्रित है। इसमें सभी संकायों का समावेश किया गया हैं। प्राचार्य ने नई शिक्षा नीति को क्रियान्वित करने की जानकारी देते हुए बताया कि विद्यार्थियों को संकाय के विषय के साथ उद्यमिता, योग, कला संकाय के विषय, संगीत भी संवाद, ग्रुप डिस्कशन और विचार मंथन आदि माध्यमों से पढ़ाया जाता है। इसके साथ ही पिछले लोकरंग उत्सव में विद्यार्थियों के ग्रुप को जनजातीय संस्कृति को जानने और समझने के लिए ले जाया गया था।
मुख्यमंत्री- लोकरंग में क्या अनुभव किया?
विद्यार्थी- लोकरंग में जनजातीय संस्कृति को करीब से जानने और समझने का अवसर मिला। जनजातीय जीवन को करीब से जाना। किताबों की दुनिया से बाहर निकलकर जनजातीय संस्कृति को महसूस करने का यह पहला अवसर मिला।
मुख्यमंत्री- डिजि लाकर के बारे में क्या जानते हैं?
विद्यार्थी- मंत्री परिषद ने छात्रों की डिग्री/मार्कशीट भी डिजि लाकर में अपलोड करने का निर्णय लिया है। डिजि लाकर में डिग्री/मार्कशीट वेरिफाइड डॉक्यूमेंट होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने एमवीएम कॉलेज का निरीक्षण किया। उन्होंने भूविज्ञान प्रयोगशाला के नमूनों को देखा और जानकारी प्राप्त की। पत्थरों की संरचना, उनका काल और निर्माण की प्रक्रिया के संबंध में भी जानकारी ली। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने प्रयोगशाला के रखरखाव संबंधी आवश्यक निर्देश भी दिए। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री के. सी. गुप्ता, प्रभारी प्राचार्य एमवीएम कॉलेज डॉ. गीता मोदी सहित बड़ी संख्या में प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।