उज्जैन। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि सीवरेज एवं नालों का गन्दा पानी शिप्रा नदी में न मिले, इसके लिये उज्जैन एवं इन्दौर के अधिकारी प्लान तैयार करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह चिन्ता का विषय है कि सीवरेज एवं नालों का गन्दा पानी शिप्रा में मिल रहा है। उन्होंने कहा कि नदी संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिये विशेषज्ञों की राय ली जाये। गन्दा पानी हम शिप्रा में जाने से कैसे रोके, इसका प्लान तैयार किया जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्दे पानी के नाले एवं सीवरेज का पानी को रोकने के लिये सांवेर, रामवासा, पंथपिपलई, राघौपिपल्या में स्टापडेम बनाया जाये और यहां वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया जाये। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से साफ हुए पानी का उपयोग किसान सिंचाई के लिये करें, इसके लिये किसानों को समझाईश भी दी जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर हाल में गन्दा पानी शिप्रा में जाने से रोकना चाहिये। उन्होंने कहा कि साल दो साल में नई कॉलोनियां भी डेवलप होती हैं। वहां के सीवरेज के पानी की निकासी भी पर्याप्त व्यवस्था की जाये। वह पानी किसी भी स्थिति में शिप्रा नदी में न मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टापडेम का रख-रखाव, मरम्मत का कार्य एवं आवश्यकता पड़ने पर उसकी ऊंचाई बढ़ाने का काम प्राथमिकता से किया जाये। उक्त निर्देश मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने शिप्रा नदी संरक्षण एवं संवर्द्धन की बैठक में दिये। बताया गया कि कान्ह नदी पर पक्का स्टापडेम बनाने का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सदावल में पम्पिंग स्टेशन है। पानी को स्टापडेम की ओर डायवर्ट किया जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि सांवेर पर ही गन्दे पानी को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट एवं स्टापडेम बनाकर कंट्रोल कर लें तो शिप्रा शुद्ध रहेगी।