नई दिल्ली। एक स्टडी में दावा किया गया है कि पौधों में पाया जाने वाला साइटिसिन, प्लसीबो की तुलना में धूम्रपान छोड़ने की संभावना दो गुना बढ़ा देता है और निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी से अधिक प्रभावी हो सकता है। कम लागत वाले एवं धूम्रपान रोकने में मददगार साइटिसिन का उपयोग पूर्वी यूरोप में 1960 के दशक से किया जा रहा है और इसके उपयोग के बाद कोई गंभीर चिंताएं नहीं देखी गई हैं। प्लसीबो, ऐसी चिकित्सा को कहते हैं जिसका वैज्ञानिक आधार नहीं होता। ऐसी चिकित्सा पद्धति या तो प्रभावहीन होती है, या फिर यदि कोई सुधार दिखता भी है तो उसका कारण अन्य होता है। साइटिसिन को मध्य और पूर्वी यूरोप के बाहर के अधिकतर देशों में लाइसेंस प्राप्त नहीं है और ना ही इसका विपणन किया जाता है, जिससे यह दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में उपलब्ध नहीं है। इस सूची में निम्न और मध्यम आय वाले देश भी शामिल हैं, जहां यह वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला सकती है।