भोपाल। लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने कहा है कि विधानमंडल गंभीर बहस और चर्चा के महत्वपूर्ण मंच हैं, मतभेद होने पर सभा के कामकाज में बाधा नहीं आने देनी चाहिए। यह सुनिश्चित करना प्रत्येक विधायक का दायित्व है कि विधायी संस्थाओं के समय का उपयोग सार्थक रूप से जनता के कल्याण के लिए हो। विधान मंडलों में अनुशासन और शालीनता की कमी और सदस्यों के अमर्यादित आचरण से विधानमंडल की गरिमा कम होती है, जिससे लोकतंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। प्रत्येक जनप्रतिनिधि राष्ट्र की आशाओं और आकांक्षाओं का रक्षक है। जनता अपने बेहतर भविष्य के लिए जनप्रतिनिधियों पर विश्वास करती है।

लोकसभा अध्यक्ष श्री बिरला, मध्यप्रदेश विधानसभा में विधानसभा सदस्यों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, उत्तरप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष श्री सतीश महाना, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, संसदीय कार्य मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, नेता प्रतिपक्ष श्री उमंग सिंघार सहित मंत्रीगण उपस्थित थे।

लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने कहा कि मध्यप्रदेश की जनता से नवनिर्वाचित विधायकों को मिले जनादेश से उन्हें विशेष रूप से महिलाओं और कमजोर वर्गों की सामाजिक, आर्थिक प्रगति के लिए रचनात्मक प्रयास करने की जिम्मेदारी मिली है। विधायकों और जनप्रतिनिधियों के रूप में अपनी भूमिका के साथ पूर्ण न्याय करने के लिए विधायकगण को विधानसभा के नियमों और प्रक्रियाओं की जानकारी होना आवश्यक है। श्री बिरला ने संसद को पेपरलेस बनाने की दिशा में की गई कार्रवाई का उल्लेख करते हुए बताया कि भारत की संसद डिजिटलीकरण में विश्व में अग्रणी है। लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने प्रबोधन कार्यक्रम के आयोजन के लिए मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर को धन्यवाद दिया।

विधायक अपनी बात रखते समय जोश तो दिखाएं, परंतु क्रोध को पूरी तरह नियंत्रण में रखें

मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने लोकसभा के प्रभावी संचालन से संसदीय परम्परा को समृद्ध बनाने के साथ-साथ लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत किया है, उन्हें लोक सभा में कई नए आयाम स्थापित करने का गौरव भी प्राप्त है। यह अपेक्षा है कि मध्यप्रदेश विधानसभा के गरिमावान सदस्यों से प्रदेश की विधानसभा की प्रतिष्ठा पूरे देश में बढ़ेगी। विधायकों के लिए आवश्यक है‍कि अपनी बात रखते समय उनका जोश दिखे, परंतु क्रोध पूरी तरह से नियंत्रण में हो।

श्री तोमर ने कहा कि विधानसभा में अपनी बात रखने के लिए पर्याप्त प्लेटफार्म उपलब्ध है। प्रबोधन और प्रशिक्षण का यह कार्यक्रम विधायकगण को विधानसभा की नियमावली, परम्पराओं, प्रचलित व्यवस्थाओं से परिचित कराने में प्रभावी सिद्ध होगा और यह कार्यक्रम विधायकों को पूरे कार्यकाल की लिए उपयोगी सिद्ध होगा। दायित्वों का निर्वहन करने और उत्कृष्ट जनप्रतिनिधि बनने में प्रशिक्षण का बहुत अधिक महत्व है। उन्होंने विधायकगण को अपनी विधानसभा क्षेत्र से संबंधित विषयों के साथ-साथ क्षेत्र और प्रदेश के सम्पूर्ण विकास से जुड़े मुद्दों को व्यापकता के परिप्रेक्ष्य में देखते हुए कार्य करने के लिए प्रेरित किया। श्री तोमर ने मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए ई-विधान प्रोजेक्ट स्वीकृत करने तथा विधायकों के आवास की व्यवस्था के लिए नया प्रोजेक्ट लेने का मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से अनुरोध‍किया।