नई दिल्ली। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने राम मंदिर को लेकर कहा कि आधे-अधूरे मंदिर में भगवान को स्थापित किया जाना न्यायोचित और धर्म सम्मत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधी नहीं, बल्कि हितैषी हैं। इसलिए सलाह दे रहे हैं कि शास्त्र सम्मत कार्य करें। उन्होंने कहा कि चारों पीठों के शंकराचायों को कोई राग द्वेष नहीं है लेकिन उनका मानना है कि शास्त्र सम्मत विधि का पालन किये बिना मूर्ति स्थापित किया जाना सनातनी जनता के लिए उचित नहीं है। महाराज ने कहा कि पूर्व में तत्कालीन परिस्थितियों को देखते हुए बिना मुहूर्त के राम की मूर्ति को सन 1992 में स्थापित किया गया था। लेकिन वर्तमान समय में स्थितियां अनुकूल हैं। ऐसे में उचित मुहूर्त और समय का इंतजार किया जाना चाहिए।