भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सिंहस्थ 2028 के मददेनजर क्षिप्रा नदी का पानी स्वच्छ निर्मल एवं आचमन योग्य बनाने के लिये इंदौर, उज्जैन एवं देवास के संबंधित अधिकारियों को क्षिप्रा नदी को साफ रखने की कार्य योजना तैयार करें। गंदे पानी को रोकने के लिए जगह-जगह स्टॉप डैम बनाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव आज उज्जैन में आयोजित होने वाले सिंहस्थ 2028 के विकास कार्य एवं क्षिप्रा शुद्धिकरण के संबंध में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन के अलावा सिंहस्थ मेले का इंदौर, देवास, ओंकारेश्वर दादा धुनी वाले, पशुपतिनाथ मंदिर, बगलामुखी मंदिर में भी सिंहस्थ मेले का विस्तार रहता है। सभी जगह आम जनता की सहभागिता रहती है । जब श्रद्धालु आए तो मेले में गौरव का अनुभव करें। सिहस्थ 2028 की प्लानिंग साधु संतों की सलाह पर करने और उनके परामर्श से ही कार्ययोजनाएं बनाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री डॉक्टर यादव ने कहा कि हमेशा की तरह इस बार भी सिंहस्थ मेला गौरवशाली सनातन परंपरा के अनुसार आयोजित किया जायेगा। इसके लिए क्षिप्रा नदी शुद्धिकरण के साथ ही उज्जैन के महाकाल मंदिर तक जाने के लिए सड़क मार्ग चौड़ीकरण, मंदिर तक जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग की प्लानिंग, पावर स्टेशन, हवाई पट्टी विस्तार, संग्रहालय, यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था, वाहन पार्किंग आदि के भी विकास कार्य पूरा किये जायेंगे।
सिंहस्थ 2028 में 12 करोड श्रद्धालुओं का अनुमान
बताया गया कि सिंहस्थ 2028 में 12 करोड श्रद्धालुओं का अनुमान है। इसके लिए सभी मूलभूत आवश्यकताओं की व्यवस्था की जाएगी। इंदौर में क्षिप्रा नदी में नालो का गंदा पानी रोकने के लिए 9 स्टॉप डैम बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह 9 स्टाप डैम वहां-वहां बनाए जाएंगे जहां-जहां गंदे नाले का पानी क्षिप्रा में मिल रहा है। विभिन्न देवस्थानों, वाल्मीकि घाट, सिद्धवट, काल भैरव, सिद्धनाथ आदि के घाटों का भी विस्तार होगा। जहां-जहां संत रहते हैं उन घाटों का विस्तार प्राथमिकता से किया जाएगा, एवं मेला क्षेत्र में भी आवश्यक मूलभूत आवश्यकताओं की व्यवस्था की जाएगी ।