इंदौर। जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबन्धन, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डा. विजय शाह ने आज इंदौर में संभाग के सभी विभागीय अधिकारियों की बैठक ली और विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। बैठक में संभागायुक्त श्री मालसिंह, पुलिस आयुक्त श्री मकरंद देउस्कर, जनजातीय कार्य विभाग एवं अनुसूचित जाति विकास के संभागीय उपायुक्त, संभाग के सभी जिलों के विभागीय सहायक आयुक्त, विकास खंड अधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित रहे।

जिला अधिकारी हर तीन माह में करेंगे निर्माण कार्यों का स्पॉट निरीक्षण

मंत्री डा. विजय शाह ने जिलेवार विभागीय कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने जिलों में किए जा रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए की ऐसे निर्माण कार्य जिनकी लागत 50 लाख से अधिक है उनका संबंधित विभागीय अधिकारी भौतिक मॉनिटरिंग अवश्य करें। यह विभागीय अधिकारियों की जिम्मेवारी है। उन्होंने कहा कि जिस वित्तीय वर्ष में कार्य स्वीकृत किए गए हैं उनका निर्माण कार्य उसी वर्ष में शुरू कर दिया जाए। ऐसे निर्माण कार्य जो अधिक समय से लंबित है उनकी एक अलग लिस्ट तैयार की जाए। 

मंत्री डा. विजय शाह ने संभाग अंतर्गत 1 हजार 166 छात्रावासों के संबंध में चर्चा के दौरान निर्देश दिए की सभी अनुसूचित जनजाति छात्रावासों में नियुक्त किए गए अधीक्षकों का अनिवार्य रूप से हर वर्ष 3 से 6 दिवस का मनोविज्ञान प्रशिक्षण कराया जाए। इससे अधीक्षक छात्र-छात्राओं की मानसिक स्थिति समझ सकेंगे और उन्हें उचित परामर्श भी दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि सभी छात्रावासों में सीसीटीवी कैमरा अवश्य लगाया जाए जिससे अनावश्यक को छात्रावास में प्रवेश न कर सके। विशेष तौर पर लड़कियों के छात्रावास में नाइट विजन वाले सीसीटीवी कैमरा लगाया जाए। 

मंत्री डा. विजय शाह ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए की जिला मुख्यालय एवं आदिवासी बाहुल्य विकासखंड में रानी दुर्गावती प्रशिक्षण केंद्र के साथ-साथ ई लाइब्रेरी भी बनाई जाए। उन्होंने कहा कि सभी 8 जिला मुख्यालय में यह कार्य 2024 के अंत तक संपन्न हो जाना चाहिए तथा सभी 40 विकासखण्ड में यह कार्य 2025 के अंत तक संपन्न कराया जाए। उन्होंने कहा कि इन प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से हम आदिवासी जनजाति विद्यार्थियों को प्रतियोगिता परीक्षा के लिए तैयार कर सकते हैं। इसके लिए हम प्रशिक्षण केंद्रों का जिले या ब्लॉक लेवल पर प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों से टाइअप कर सकते हैं। ई लाइब्रेरी के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्र के भी बच्चे प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर सकेंगे।