वाराणसी। ज्ञानवापी मामले में जिला अदालत के फैसले में व्यास तहखाने में पूजा-पाठ करने का अधिकार दे दिया है। जिसके बाद गुरुवार को ज्ञानवापी परिसर में आखिरकार 31 साल बाद पूजा-अर्चना शुरू हो गई है। सुबह-सुबह काफी संख्या में लोग पूजा के लिए ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पहुंचे। इस मामले में डीएम ने कहा कि जिला कोर्ट के आदेश का अनुपालन कराया गया है। पूजा की शुरुआत कड़े प्रशासनिक सुरक्षा घेरे में शुरू हुई है। विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी ओम प्रकाश मिश्रा और अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त निकालने वाले गणेश्वर द्रविड़ ने व्यास जी के तहखाने में पूजा कराई। पूजा-पाठ का अधिकार काशी विश्वनाथ ट्रस्ट को सौंपा गया है।