भोपाल। रेशम उत्पादकों और बुनकरों द्वारा निर्मित उत्पादों को ओपन नेटवर्क इन डिजिटल कामर्स (ओएनडीसी) के माध्यम से ब्रांड मार्केटिंग के लिए ई-प्लेटफार्म उपलब्ध कराना सरकार की विशेष प्राथमिकता है। विभागीय योजनाओं के सुचारू संचालन के लिए पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप (पीपीपी मोड) एवं एफपीओ मॉडल लागू किया जाएगा। इस आशय के उद्गार कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिलीप जायसवाल ने गत दिवस “रेशम के नए पारिस्थितिकी तंत्र, रेशम तकनीक, रेशम उत्पादन में पीपीपी संभावनाएं और सेरीफ्यूचर को नेविगेट करने के लिए डिजाइन में अभिनव फ्यूजन पैटर्न अपनाने के लिए डिजिटल कॉमर्स में ओपन नेटवर्क के लिए रोडमैप तैयारी और क्रियान्वयन रणनीतियों के अनावरण” विषय पर भोपाल में आयोजित एक दिवसीय राज्यस्तरीय कॉन्फ्रेंस में व्यक्त किये।

पचमढ़ी सिल्क टेक पार्क एवं रेशम से समृद्धि योजना को कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की एक अतुलनीय उपलब्धि बताते हुए राज्यमंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि राज्य सरकार के संकल्प पत्र 2023 में रेशम उत्पादन को अधिकाधिक बढ़ावा देने का संकल्प व्यक्त किया गया है। रेशम से समृद्धि योजना के अंतर्गत विभाग द्वारा किसानों, धागाकारों, बुनकरों, छात्रों, युवाओं और महिलाओं को लाभान्वित करने के लिए अब तक बंद पड़ी सभी रेशम धागाकरण इकाइयों को तत्काल प्रारंभ किया जाएगा तथा नवीन इकाईयाँ भी स्थापित की जायेंगी।

स्टेकहोल्डर्स एवं प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री विनोद कुमार ने कहा कि आगामी वित्त वर्ष 2024-25 में मलबरी रेशम उत्पादन को बढ़ावा दिया जायेगा और लगभग 1000 एकड़ अतिरिक्त कृषि रकबे में मलबरी रेशम उत्पादन बढ़ाया जायेगा। साथ ही अधिकाधिक किसानों को रेशम उत्पादन से जुड़ने के लिये प्रेरित भी किया जायेगा।

रेशम उत्पादन एवं इसके प्रसंस्करण से जुड़ी योजनाओं व नवाचारों के क्रियान्वयन की रूपरेखा स्पष्ट करते हुए आयुक्त रेशम श्री मदन कुमार नागरगोजे ने जिम्मेदारियों के विकेंद्रीकरण पर अधिकाधिक जोर देते हुए सभी प्रतिभागियों को रेशम संबंधी समस्त गतिविधियों के तेज गति से विकास एवं विस्तार कार्यों के लिए अभिप्रेरित किया।

इस राज्यस्तरीय कॉन्फ्रेंस में नर्मदापुरम सिल्क इन्क्यूबेटर एफएमयू, विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि तथा शासकीय महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज एवं सरदार वल्लभभाई पटेल पॉलिटेक्निक कॉलेज के मेंटार शिक्षक उपस्थित थे।

कार्यशाला के सफल आयोजन एवं सक्रिय सहभागिता के लिये सरदार वल्लभभाई पटेल पॉलिटेक्निक कॉलेज भोपाल के प्राचार्य डॉ. के.वी. राव ने सभी प्रतिभागियों का आभार ज्ञापित किया।