भोपाल।  भारत भवन में आयोजित विविध कलाओं के उत्सव के 42वें वर्षगांठ समारोह के दूसरे दिन गायिका बेगम परवीन सुल्ताना के सुर गूंजे। उन्होंने अपनी गायन प्रस्तुति से श्रोताओं का दिल जीत लिया। इससे पहले गायक कलाकार गौतम काले का गायन हुआ। भारत भवन के न्यासी विजय मनोहर तिवारी ने कलाकारों का साहित्य भेंट कर स्वागत किया। श्री काले ने राग दिन की पुरिया का चयन करते हुए बड़ा खयाल में विलंबित एकताल की बंदिश रात बस आयो मोरे मंदिरवा… को सुनाया। प्रस्तुति के क्रम को आगे बढ़ाते हुए छोटा खयाल में मध्यलय तीन ताल को पेश किया। जिसमें उन्होंने बंदिश चलो चलो री आली मंदिरवा… की मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति दी। राग आदि बसंत में मध्यलय रूपक में बंदिश बन-बन बोलत कोयलिया आयी बसंत बहरिया… को सुनाते हुए प्रस्तुति के समापन के लिए राग मिश्र और आदि बसंत का चयन किया।