सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा है कि प्रदेश में दिव्यांगजन के आरक्षित पदों पर अभियान चलाकर भर्ती की जाएगी। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग के साथ समन्वय बनाकर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। उन्होंने यह बात दिव्यांगजन के आर्थिक पुनर्वास और सशक्तिकरण रुझान एवं अंतदृष्टि विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के समापन अवसर पर कही। दिग्दर्शिका पुनर्वास एवं अनुसंधान संस्थान तथा सक्षम मध्य भारत तथा सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला में देश के ख्यातिमान विशेषज्ञ सम्मिलित हुए।

मंत्री श्री कुशवाह ने कहा कि दिव्यांगजन को विकास की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए आवश्यक है कि इस वर्ग को आर्थिक आत्म-निर्भरता प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन कल्याण के क्षेत्र में अनेक राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय स्वयंसेवी संस्थाएँ कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और प्रदेश सरकार बेहतर कार्य करने वाली संस्थाओं को प्रोत्साहित करती है। साथ ही राज्य शासन शासकीय सेवाओं में पदों का आरक्षण कर दिव्यांजन को रोजगार मुहैया कराता है। उन्होंने कहा कि नवगठित सरकार का संकल्प पत्र में भी दिव्यांगजन को मुख्यधारा से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।

आयुक्त सामाजिक न्याय श्री आर.आर. भोंसले ने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांजन भाई-बहनों को अधिक से अधिक सहयोग और सुविधा मुहैया कराकर आत्म-निर्भर बनाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि दिव्यांजन को चिकित्सालयों से बनवाए जाने वाले मेडिकल सर्टिफिकेट की प्रक्रिया को भी आसान बनाया जाएगा।

आयुक्त नि:शक्तजन श्री संदीप रजक ने कहा कि दो दिवसीय कार्यशाला में विषय-विशेषज्ञों द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और स्व-रोजगार के लिए जो सुझाव दिये गये हैं, उनका ड्रॉफ्ट तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दिव्यांगजन कल्याण के क्षेत्र में मध्यप्रदेश सरकार के प्रयासों की भारत सरकार द्वारा भी सराहना की गई है।

संगोष्ठी में सक्षम मध्य भारत के सचिव श्री के.व्ही.एल. श्रीवास्तव, दिग्दर्शिका के संस्थापक श्री सुमित रॉय ने अपने अनुभव साझा किए। संगोष्ठी में बड़ी संख्या में दिव्यांगजन और स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।