नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सियाचिन ग्लेशियर के दौरे पर जाएंगे, जहां वो दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में तैनात सैनिकों के साथ होली मनाएंगे।सियाचिन ग्लेशियर एक रणनीतिक सैन्य चौकी है और दुनिया के सबसे चुनौतीपूर्ण इलाकों में से एक है। सियाचिन दौरे के दौरान राजनाथ सिंह ने बताया था कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां दिन में भी तापमान 40 डिग्री कम होता है। यहां का मौसम कब मौत में बदल जाए कोई नहीं जानता। सियाचिन में देश की सबसे ऊंची सरहद है और हिमालय की गोद में मौजूद सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा और सबसे खतरनाक जंग का मैदान है। इसके एक ओर पाकिस्तान है तो दूसरी तरफ चालबाज चीन है। भाजपा के केंद्र में आने के बाद से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा 2017 में निर्मला सीतारमण और 2017 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सियाचिन का दौरा किया था।

बता दें कि सियाचिन ग्लेशियर दुनिया का सबसे ऊंचा सैन्य क्षेत्र है। यह हिमालय के पूर्वी काराकोरम पर्वत श्रंखला में स्थित है, जहां भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा समाप्त होती है। उंचाई पर होने के कारण यहां तैनात जवानों को आम दिनों में भी तेज बर्फिली हवाओं का सामना करना पड़ता है। यहां का तापमान शून्य से 60 डिग्री सेल्सियस नीचे तक चला जाता है, और भूस्खलन और हिमस्खलन आम बात हो जाती है।1984 में सियाचिन ग्लेशियर पर पाकिस्तानी सेना को हरा कर चोटी पर कब्जा करने के लिए ऑपरेशन मेघदूत लॉन्च किया गया था। यहां तब से ही भारतीय सेना का नियंत्रण है।2019 में उन्होंने सियाचिन का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने सैनिकों के साथ बातचीत की थी। केंद्रीय मंत्री ने उनकी चुनौतियों के बारे में भी जानकारी जुटाई। उन्होंने सैनिकों के कल्याण और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया। इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने ग्लेशियर को पर्यटकों के लिए भी खोलने का ऐलान किया था।

Source : Agency