उज्जैन। धुलेंडी के मौके पर उज्जैन के महाकाल मंदिर में आगजनी की घटना हो गई थी। जिसके चलते गहमा गहमी की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। यह हादसा तब हुआ जब मंदिर में भस्म आरती चल रही थी और कई सारे श्रद्धालु यहां मौजूद थे।गर्भगृह के अंदर लगी इस आग में 14 लोग घायल हुए थे। इसके बाद कलेक्टर ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश जारी किए थे। जांच कमेटी ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी है। जिसमें सीसीटीवी फुटेज के आधार पर यह सबूत मिला है कि केमिकल वाले गुलाल की वजह से यह आग भड़की थी।

प्रशासक को पद से हटाया

प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद कलेक्टर ने देर रात मंदिर प्रशासक संदीप सोनी को पद से हटा दिया है। फिलहाल मंदिर का अतिरिक्त प्रभार जिला पंचायत सीईओ मृणाल मीणा को सौंपा गया है। इस मामले में कलेक्टर का कहना है कि फाइनल रिपोर्ट आना बाकी है। गुलाल की जांच चल रही है। लैब रिपोर्ट आने के बाद यह पता चलेगा कि केमिकल था या नहीं।

होली के दिन भस्म आरती के वक्त हुई थी आगजनी

गौरतलब है कि 25 मार्च यानि कि होली के दिन महाकाल मंदिर में बड़ा हादसा हो गया था. महाकाल मंदिर के गर्भगृह में भस्म आरती के दौरान अचानक आग लग लग गई थी। घटना में 14 लोग झुलस गए थे. जहां गंभीर झुलसे लोगों को इंदौर के अरविंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जबकि बाकि लोगों को उज्जैन अस्पताल में ही एडमिट किया गया था। वहीं घटना को लेकर सीएम मोहन यादव ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे और रिपोर्ट तीन दिन में पेश करने के लिए कहा था। साथ ही सीएम और कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने घायलों से मिलकर मुलाकात की थी. सीएम ने घायलों को 1-1 लाख रुपए देने का ऐलान भी किया था। उज्जैन एडीएम और जिला पंचायत सीईओ द्वारा मामले की जांच की जा रही है।

नियमों का हुआ उल्लंघन

यह जानकारी सामने आ रही है कि सिर्फ 4 से 5 किलो हर्बल गुलाल ही मंदिर में पहुंचना था। उसके बावजूद कई क्विंटल गुलाल यहां पहुंचा। यह बहुत बड़ी लापरवाही है। इसके जिम्मेदार सामने आने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था संभालने वाली एजेंसी क्रिस्टल को भी नोटिस भेजा जाएगा। कुछ लोगों के बयान लिए जाना फिलहाल बाकी है इसलिए फाइनल रिपोर्ट तैयार नहीं की गई है। फाइनल रिपोर्ट आने के बाद कलेक्टर स्तर और शासन स्तर पर कार्रवाई की जाएगी।

गुलाल के चलते गर्भगृह में भड़की थी आग

महाकाल हादसे में जांच कमेटी ने गुरुवार शाम प्रारंभिक रिपोर्ट पेश कर दी है। कलेक्टर नीरज सिंह ने बताया कि ‘आगजनी केमिकल युक्त गुलाल के कारण लगी है। कुछ लोगों ने मंदिर द्वारा दी गुलाल के अलावा बाहर से लाई गुलाल भी उड़ाई थी. फायर एक्सपर्ट की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। हालांकि गुलाल परीक्षण की रिपोर्ट अभी नहीं आई है। महाकाल मंदिर में जिम्मेदारों ने प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया. साथ ही अपनी जिम्मेदारी का सही निर्वाहन नहीं किया गया इसलिए इनके विरूद्ध वैधानिक आधिकारी कार्रवाई की जाएगी।

जांच समिति द्वारा की गई प्रमुख अनुशंसा

  •     मंदिर में आधुनिक फायर अलार्म सिस्टम, स्मोक डिटेक्टर और फायरफाइटर सिस्टम लगाया जाए।
  •     आवश्यक सुरक्षा उपकरणों और मानव संसाधनों की उपलब्धता कर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम।
  •     व्यवस्थित पास सिस्टम डेवलप करना।
  •     भस्म आरती के अतिरिक्त चलित भस्म आरती।
  •     मंदिर के अंदर मोबाइल सहित सुरक्षा के दृष्टिगत हानिकारक सामग्री ले जाने पर पूर्णतः प्रतिबंध.
  •     मंदिर में आपातकालीन मार्ग निर्धारित किया जाना।
  •     रंग पंचमी पर्व पर मंदिर में प्रतीकात्मक होली इत्यादि सुझाव दिए गए हैं।