भोपाल। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि मानव कल्याण में ही शिक्षा की सच्ची सार्थकता है। दीक्षित विद्यार्थी आजीवन मानवहित में काम करें। गरीब और वंचित वर्गों की मदद के लिए तत्पर और संवेदनशील रहें। जीवन की प्रत्येक सफलता में परिवार, समाज और राष्ट्र का स्मरण रखें। उन्होंने उपस्थित युवाओं का आह्वान किया कि अपने ज्ञान और विशेषज्ञता से विकसित भारत के निर्माण में योगदान दें।. विश्वविद्यालय भोपाल के तृतीय दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान के लिए फिल्म जगत के प्रसिद्ध गीतकार श्री समीर अनजान, शिक्षाविद सुश्री शिवानी पाटिल, पैरास्विमर श्री सतेन्द्र सिंह लोहिया, आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री हरिहरानंद स्वामी और श्री अनिल गोस्वामी को विश्वविद्यालय की ओर से मानद उपाधि और मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए। विश्वविद्यालय की स्मारिका का लोकार्पण भी किया। विकसित और स्वस्थ भारत के लिए युवाओं का स्वस्थ, शिक्षित और दक्ष होना ज़रूरी है। युवाओं को अपने ख़ान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। श्री पटेल ने युवाओं को नियमित व्यायाम, पौष्टिक आहार, भरपूर पानी और नींद के चार मंत्र दिए है।

डिस्कवरी, डिस्कशन और एनालिसिस बेस्ड तरीक़े से सिखाए

आज का युवा, कल का भविष्य हैं। विश्वविद्यालय गुणवत्तापरक मानव संसाधन तैयार करने की दिशा में कार्य करें। विद्यार्थियों को डिस्कवरी, डिस्कशन और एनालिसिस बेस्ड सिखाने के तरीक़े बनाए। उन्हें क्या सोचें के बजाए, कैसे सोचें, इसके लिए प्रशिक्षित करे। श्री पटेल ने कहा कि छात्रों में रिसर्च, इनोवेशन और एक्सिलेंस के लिए समर्पण की भावना विकसित करें। शिक्षा के साथ विद्यार्थियों में हुनर और उद्यमिता के गुण विकसित करें। उन्हें जॉब सीकर नहीं, जॉब गीवर बनाएं। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि विद्यार्थियों को समाज और राष्ट्र विकास की ज़रूरतों और चुनौतियों के समाधान खोजने के लिए प्रेरित करें। उन्हें वंचित वर्गों की क्षमता विकास में सहयोग का अनुभव उपलब्ध कराएं। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल का कार्यक्रम में पौधा भेंट से स्वागत और स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया।