इंदौर। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार सुबह भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में आग लग गई। घटना के बाद जिला प्रशासन ने गर्भगृह में रंगपंचमी यानी 29 मार्च को रंग और गुलाल ले जाने पर बैन लगा दिया। इसके लिए मंगलवार को गाइडलाइन जारी की गई। उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने कहा कि मंदिर प्रबंधन समिति टेसू के फूलों से बने हर्बल रंग उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि पुजारी-पुरोहित को गर्भगृह में प्रतीकात्मक होली खेलने की अनुमति होगी। घटना के बाद मजिस्ट्रियल जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है, जिसे 3 दिन में रिपोर्ट देनी होगी। घटना के बाद उज्जैन पहुंचे सीएम डॉ. मोहन यादव ने घायलों को एक-एक लाख देने की घोषणा की।
इन सवालों के जवाब जरूरी
- महाकाल मंदिर में सैकड़ों सालों से गुलाल की होली खेली जाती रही है, लेकिन इस बार भस्मारती के वक्त गर्भगृह में आग फैल गई। प्रश्न यह है कि आग लगी कैसे?
- मंदिर में रोजाना सैकड़ों किलो फूल महाकाल को चढ़ाए जाते हैं। उन्हीं फूलों से गुलाल बनाया जाता है, जो बाबा महाकाल को चढ़ाया जाता है और उड़ाया जाता है। बाहर से रंग- गुलाल लाने पर प्रतिबंध हैं। अब सवाल यह है कि क्या प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी केमिकल युक्त गुलाल भक्त या पुजारियों के पास थे?
जो भी इन ऑर्गेनिक मटेरियल है , वह मंदिर समिति द्वारा पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। पूर्ण चेकिंग होती है और रोका जाता है। यदि कोई लेकर आते हैं तो वह अवैध तरीके से लेकर आते हैं। – संदीप सोनी, प्रशासक महाकाल मंदि