भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में गौ-माता और गौ-वंश के संरक्षण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। गौ-शालाओं के बेहतर संचालन के लिए उन्हें दी जा रही राशि में वृद्धि की जाएगी। गौ-रक्षा संवाद निरंतरता होता रहेगा। इस विषय पर विचार-विमर्श की प्रक्रिया जारी रहेगी, ताकि गायों और गौ-शालाओं के बेहतर प्रबंधन के उपाय किये जा सकें। प्रदेश में चरनोई की भूमि पर अतिक्रमण हटाने, प्रति 50 किलोमीटर पर सड़कों पर दुर्घटना का शिकार हुई गायों को इलाज के लिए भिजवाने और सड़कों पर बैठने वाले पशुधन को बैठने से रोकने या अन्यत्र स्थानांतरित करने के लिये आधुनिक उपकरणों की सहायता ली जायेगी। गायों के लिए चारा काटने के उपकरणों पर अनुदान की व्यवस्था की जायेगी। अधूरी गौ-शालाओं का निर्माण पूर्ण किया जायेगा। नई गौ-शालाएं भी बनेंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज कुशाभाऊ ठाकरे सभागृह में “मध्यप्रदेश में गौ-शालाओं के बेहतर प्रबंधन पर आयोजित हितधारकों की कार्यशाला” – “गौ-रक्षा संवाद” के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गौ-पालक ही गाय का महत्व समझता है। हमारे देश में गाय पालना, गौ-शाला चलाना पवित्र कार्य है। गौ-शाला संचालन से ज्यादा बेहतर काम यह है कि घर में ही गौ-पालन किया जाये। यदि पर्याप्त जगह है, तो गाय अवश्य पालें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उनके परिवार में भी गाय पालने की पुरानी परम्परा है। आज भी वयोवृद्ध पिता, बूढ़ी गायों की सेवा करते हैं। गाय को माँ स्वरूप मानते हैं। गौ-पालक परिवार यदि गाय के दूध का उपयोग करता है, तो सेवा में भी पीछे नहीं रहना चाहिये। इसीलिये आज यह कार्यशाला हुई है। इसमें विचार-विमर्श के लिए प्रतिभागी अभिनन्दन के पात्र हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने देव-स्थानों के संबंध में मंत्री परिषद समिति के गठन की भी जानकारी दी।

पशुपालन एवं डेरी विभाग राज्य मंत्री श्री लखन पटेल ने कार्यशाल में प्रस्तुत सुझावों से अवगत करवाया

मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा की गई प्रमुख घोषणाएं

  • प्रदेश में संचालित गौ-शालाओं को श्रेष्ठ संचालन के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।

  • भारतीय नव वर्ष अर्थात इस चैत्र माह से अगले वर्ष तक वह गौ- वंश रक्षा वर्ष मनाया जाएगा।

  • चरनोई की भूमि से अतिक्रमण हटाए जाएंगे।

  • सड़कों पर गाएं दुर्घटना का शिकार होती हैं। प्रति 50 किलोमीटर पर ऐसी व्यवस्था होगी कि घायल गाय को इलाज के लिए आसानी से ले जाया जा सके। हाईड्रोलिक कैटल लिफ्टिंग व्हीकल का टोल व्यवस्था के अंतर्गत प्रबंध किया जाएगा।

  • गौ-शालाओं को प्रति गाय 20 रुपए के स्थान पर 40 रुपए की राशि देय होगी।

  • चारा या भूसा काटने के लिए प्रयुक्त होने वाले उपकरण पर अनुदान की व्यवस्था होगी। इसके लिए पंचायतों को आवश्यक सहयोग किया जाएगा।

  • अधूरी गौ-शालाओं का निर्माण पूर्ण किया जाएगा। इसके लिए मनरेगा से भी राशि का उपयोग होगा। नई गौ-शालाएं भी प्रारंभ की जाएंगी।

  • गौ-वंश विहार विकसित किए जाएंगे।