भोपाल। प्रभु श्रीराम के बताए मार्ग का अनुसरण करके ही हम विश्व का नेतृत्व कर सकते हैं विश्वगुरु बन सकते हैं। रामायण में मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम ने हमें नैतिकता का, देशभक्ति का, चरित्र का पाठ पढ़ाया है। यह बात शनिवार को संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी ने भोपाल के मानस भवन में आयोजित दो दिवसीय द्वितीय अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। सैकड़ों वर्षों की तपस्या के बाद अयोध्या में रामलला के बाल स्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में पुनः हम राम राज्य की ओर बढ़ चले हैं। रामराज्य मतलब ऐसा राज्य, जहां सब सुखी हों, सबका मंगल और कल्याण हो, किसी को कोई भी कष्ट न हो। अंतर्राष्ट्रीय रामायण सम्मेलन में लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस दौरान पूर्व सांसद और मानस भवन के कार्य अध्यक्ष श्री रघुनंदन शर्मा और देश विदेश से सनातन और रामायण से जुड़े विषयों पर कार्य कर रहे वक्ता एवं श्रोता उपस्थित थे।