लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। यूपी की सियासत भी तेज हो गई है। प्रदेश में बीजेपी की तरफ से पहली सूची जारी की जा चुकी है। अब दूसरी लिस्ट में प्रत्याशियों को लेकर चर्चा है। जिन सीटों को लेकर चर्चा का बाजार गरम है, उनमें गांधी परिवार का गढ़ मानी जाने वाली रायबरेली भी है। तमाम कयासों के बीच यहां कई उम्मीदवारों पर चर्चा हो रही है, जिनमें बीजेपी की नेत्री नुपूर शर्मा का नाम भी शामिल हो गया है। नुपूर, पैगंबर को लेकर टिप्पणी के बाद विवादों के घेरे में आ गई थीं।
भाजपा की पूर्व प्रवक्ता और नेता नूपुर शर्मा सोशल मीडिया पर एक बार फिर चर्चा में आ गई हैं। सूत्रों के हवाले से रायबरेली से नुपूर को टिकट दिए जाने की चर्चा होने लगी है। उनको चुनावी मैदान में उतारने की खबर वायरल होने लगी। नुपूर दिल्ली की राजनीति में सक्रिय हैं और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं।
रायबरेली ही कांग्रेस की एकमात्र ऐसी लोकसभा सीट है, जहां 2004 से सोनिया गांधी अजेय बनी हुई हैं। हालांकि सोनिया गांधी इस बार यहां से नहीं लड़ने का ऐलान कर चुकी हैं। उनके राज्यसभा चले जाने से यहां कांग्रेसी प्रियंका गांधी वाड्रा या राहुल गांधी को चुनावी मैदान में उतारने की मांग कर रहे हैं।
रायबरेली पर टिकी नजर
अभी रायबरेली में किसी भी दल ने उम्मीदवार फाइनल नहीं किया है। बीजेपी ने भी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। यहां कांग्रेस और समाजवादी पार्टी गठबंधन भी अभी नजरें बनाए हुए हैं। वहीं मायावती की तरफ से कैंडिडेट आना बाकी है। वहीं पिछली बार अमेठी से राहुल गांधी को हराने वाली स्मृति ईरानी पर पार्टी ने एक बार फिर भरोसा जताया है।
कौन हैं नुपूर शर्मा
छात्र जीवन से ही एबीवीपी में सक्रिय रहीं नुपूर 2008 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की अध्यक्ष रह चुकी हैं। पेशे से वकील शर्मा ने 2015 के विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ताल ठोका थी। हालांकि वह 31 हजार वोट के अंतर से हार गई थीं।