नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के बीच भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के मैनिफेस्टो को लेकर लगातार हमलावर है। शुक्रवार को भाजपा ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के अधिकारों पर डाका डाल रही है। शुक्रवार को भाजपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि कांग्रेस और भारतीय गठबंधन द्वारा एससी, एसटी और ओबीसी के अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है। जिस तरह से ओबीसी का आरक्षण छीनकर मुसलमानों को दिया गया है, वह अधिकारों पर डाका डालने का प्रयास है। जो देश में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भाजपा ने हमेशा ‘सबका साथ सबका विकास’ का समर्थन किया है। कांग्रेस के इतिहास में केवल तुष्टीकरण की घृणित राजनीति शामिल है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। साफ है कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति करती है। कांग्रेस जो अभी आईसीयू में पड़ी है वो देश में एक्स रे कराना चाहती है, जाति जनगणना कराना चाहती है लेकिन देश के लोग कांग्रेस की इस साजिश का एमआरआई कर रहे हैं। कांग्रेस हमेशा से एससी एसटी और ओबीसी की विरोधी पार्टी रही है। कांग्रेस किसी भी प्रकार से सत्ता में आना चाहती है और ओबीसी के अधिकारों को छीनना चाहती है। कर्नाटक के अंदर ओबीसी के आरक्षण छीन कर मुसलमानों को देना चाहती है। कांग्रेस को इस पर अपना स्पष्टीकरण देना चाहिए। देश कभी इस तरह की साजिश को बर्दाश्त नहीं करेगा और इस चुनाव में जनता उन्हें जवाब देगी।
एससी, एसटी, ओबीसी वर्ग से नफरत करती है कांग्रेस : नड्डा
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। नड्डा ने कहा कि कांग्रेस एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग से नफरत करती है। नड्डा ने शुक्रवार को एक्स पोस्ट में कहा कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन का छुपा हुआ एजेंडा है कि एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के अधिकारों को छीनना और मुसलमानों को देना है। कांग्रेस कहती है कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि संसाधनों पर पहला हक गरीबों का है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने यह बयान गलती से नहीं दिया था। उन्होंने जानबूझकर ऐसा किया क्योंकि अप्रैल 2009 में मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक सवाल पर वह अपने बयान पर कायम रहे थे। डॉ. सिंह ने कहा था कि अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और देश के संसाधनों पर पहला अधिकार उनका होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के जरिए गलत बयानबाजी की गई और कहा गया कि मुसलमानों की हालत दलितों से भी बदतर हैं।
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