जशपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जशपुर के कल्याण आश्रम में आयोजित सरहुल महोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने प्रदेशवासियों को सरहुल पर्व के साथ नवरात्र की शुभकामनाएं दीं। सीएम साय का दीपू बगीचा में सरना पूजा में शामिल होना था, लेकिन बैगाओं द्वारा पूजा के दौरान जलाए गए धूप-अगरबत्ती के धुएं से पीपल के पेड़ में मधुमक्खियों के छत्ते से मधुमक्खियों का झुंड बैगाओं पर टूट पड़ा। ऐसी स्थिति में आगमन स्थल को बदलकर कल्याण आश्रम हाईस्कूल परिसर कर दिया गया। बतौर मुख्य अतिथि सीएम साय ने अपने संबोधन में कहा कि वर्ष प्रतिपदा के अवसर पर आदिवासी समुदाय सरहुल पर्व के माध्यम से प्रकृति की पूजा कर अगले वर्ष के लिए सुख समृद्धि धन-धान्य की कामना करते हैं। शिव पार्वती के पूजन के साथ सरहुल का पर्व बड़े धूमधाम से मनाते हैं। इस अवसर पर गांव-गांव के बैगा जुटते हैं और ग्रामीणों के साथ मिलकर प्रकृति पेड़-पौधों की पूजा-अर्चना कर खुशहाली की कामना करते हैं। जशपुर सरहुल महोत्सव के दौरान सीएम विष्णुदेव साय का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने विधर्मियों पर सीधा प्रहार करते हुए कहा कि कुछ अधर्मियों के द्वारा बस्तर से लेकर सरगुजा तक यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि आदिवासी हिंदू नहीं हैं। सीएम साय ने सभी आदिवासियों को सचेत करते हुए कहा कि सबको संगठित होकर विधर्मियों को मुंहतोड़ जवाब देना है। आदिवासियों को कट्टर हिंदू बताते हुए सीएम ने अधर्मियों से सावधान रहने की बात कही। सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि विधर्मी की हिंदुओं की एकता को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे किसी भी सूरत में सफल होने नहीं देंगे। कार्यक्रम के बाद सीएम साय मधुमक्खियों के हमले में घायल बैगाओं और सरहुल पूजा समिति के अध्यक्ष व पूर्व जशपुर विधायक जगेश्वर राम से मिलने जिला अस्पताल पहुंचे। सीएम ने घायलों और डॉक्टरों से भी बात की और मीडिया को बताया कि सभी खतरे से बाहर हैं। चिंता की कोई बात नहीं है। जशपुर विधायक रायमुनी भगत और कुछ पुलिस के अधिकारियों, जवानों को भी बैगाओं को बचाने के दौरान मधुमक्खियों ने काटा है। इससे पहले सीएम साय वनवासी कल्याण आश्रम में चैत्र प्रतिपदा हिंदू नववर्ष के अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह समेत अन्य पदाधिकारियों के साथ मुलाकात की और दोपहर का भोजन किया।
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