8 अप्रैल को दुनिया भर में लाखों लोग सूर्य ग्रहण के अद्भुत नज़ारे के गवाह बने। यह साल का पहला और एकमात्र पूर्ण सूर्य ग्रहण था, जो उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में दिखाई दिया। हालांकि, यह ग्रहण भारत समेत एशिया और अन्य महाद्वीपों में दिखाई नहीं दिया, लेकिन लोगों ने ऑनलाइन लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए इस नजारे को लाइव देखा। इस नजारे को सीधे लोगों तक पहुंचाने के लिए नासा के साथ-साथ कई वैज्ञानिक संस्थानों ने सकी लाइव स्ट्रीमिंग की, जिसे करोड़ों लोगों ने देखा।
अमेरिका में दिखा शानदार नज़ारा
ग्रहण का सबसे शानदार नज़ारा उत्तरी अमेरिका में देखने को मिला। ग्रहण का रास्ता मेक्सिको से शुरू होकर कनाडा और फिर उत्तरी अमेरिका के पूर्वी तट तक गया। इस दौरान दिन में रात जैसा अंधेरा छा गया। यहां मौजूद लोगों ने विशेष चश्मे पहनकर इस ग्रहण को देखा और अद्भुत घटना के प्रत्यक्षदर्शी बने, जबकि दुनिया के बाकी हिस्से के करोड़ों लोगों ने इस घटना को लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए देखा।
वैज्ञानिकों के लिए बेहद अहम घटना
यह ग्रहण वैज्ञानिकों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। इस दौरान साइंटिस्ट ने सूर्य के वायुमंडल का अध्ययन किया। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस ग्रहण के दौरान सूर्य के वायुमंडल के बारे में और भी ज्यादा महत्वपूर्ण जानकारी हासिल होगी, जो आने वाले समय में बेहद कारगर साबित होगी।
सोशल मीडिया पर बना चर्चा का विषय
सूर्य ग्रहण सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है। विगत तीन दिनों से लोग लगातार इसके बारे में बात कर रहे हैं। लोगों ने ग्रहण की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए। इसके साथ ही की ने इस घटना की सेल्फी लेकर सोशल साइट्स पर अपलोड की। हालांकि नास पहले ही ये कह चुका है कि सूर्य ग्रहण मोबाइल फोन के कैमरा और सेंसर पर असर डाल सकता है। दुनिया भर में #SolarEclipse2024 एक्स पर टॉप ट्रेंड भी करने लगा।
अगला सूर्य ग्रहण 6 माह बाद
अगला पूर्ण सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर, 2024 को होगा। यह दक्षिण अमेरिका, अंटार्कटिका और अटलांटिक महासागर के इलाकों में दिखाई देगा। इस ग्रहण से पहले वैज्ञानिकों ने बकायदा चेतावनी जारी की थी कि ग्रहण को नंगी आंखों से देखना खतरनाक हो सकता है और इसे देखने के लिए विशेष चश्मे का इस्तेमाल करना चाहिए।
ऐसा था पूर्ण सूर्यग्रहण का नजारा
ग्रहण के अद्भुत और अविस्मरणीय नजारे के दौरान धीरे-धीरे चंद्रमा ने सूर्य को ढंकना शुरू किया, जिससे दिन में रात जैसा अंधेरा छा गया। इस दौरान पक्षी अपने घोंसले में लौट आए, और जानवरों ने अपनी गतिविधियां रोक दीं। ग्रहण के चरम पर, सूर्य के चारों ओर एक चमकदार रिंग बन गई, जिसे “कोरोना” कहते हैं। सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है जो हर साल कई बार होती है लेकिन पूर्ण सूर्य ग्रहण एक दुर्लभ घटना है जो कुछ सालों में एक बार होती है। यह ग्रहण 54 सालों में पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण था, जिसके कारण धरती के कुछ हिस्सों में कई मिनटों के लिए अंधेरा छा गया। भारतीय समय के मुताबिक यह ग्रहण 8 अप्रैल की रात 9:12 बजे शुरू हुआ और 2:22 बजे समाप्त हुआ। इस दौरान लोगों ने रिंग ऑफ फायर देखा, जब सूर्य ग्रहण के दौरान पृथ्वी और सूरज के बीच चंद्रमा के आने से एक अंगूठी जैसी आकृति बन जाती है।