रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की उलटी गिनती शुरू हो गई है। प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही नक्सली मुठभेड़ बढ़ गए और पहली बार सुरक्षा बल माओवादियों के गुप्त ठिकानों तक पहुंचने में सफल हुए है। पिछले सौ दिनों में सुरक्षा बलों ने करीब 37 नक्सलियों को अलग-अलग मुठभेड़ों में मौत के घाट उतार दिया। ये मुठभेड़ नक्सलियों को भारी पड़ रहे है क्योंकि उन्हें जान-माल दोनों का नुकसान हो रहा है। पिछले 3 महीनों में सुरक्षा बलों ने न केवल में भारी मात्रा में हथियार और अन्य नक्सल सामग्रियां बरामद की, बल्कि माओवादियों के स्थानीय नेटवर्क को भी ध्वस्त करने में कामियाबी हासिल की।

सुरक्षा बलों के हौसले बुलंद
नक्सलियों पर लगातार दबाव बनाकर सुरक्षा बलों के हौसले बुलंद है। उन्हें विश्वास है कि इस बार भी लोकसभा चुनाव में वे नक्सलियों को काबू में रखने में सफल होंगे। बीते 15 दिनों में नक्सलियों ने जनता को चुनाव में शामिल ना होने के लिए तरह-तरह के प्रपंच कर भड़काया और धमकाया। इसी दौरान इन देश विरोधी तत्वों ने कुछ निर्दोष ग्रामीणों को बंधक बनाया और कुछ को मार डाला।

बस्तर ने 19 अप्रैल को है मतदान

प्रदेश में पहले चरण का चुनाव धुर नक्सल क्षेत्र बस्तर में होगा जहां सुरक्षा बलों के समक्ष शान्तिपूर्ण मतदान कराने की चुनौती होगी। दूसरे चरण में महासमुंद, राजनांदगाव और कांकेर में चुनाव है। इनमें राजनांदगाव और कांकेर में भी नक्सलियों की धमक देखते हुए भारी सुरक्षा बलों की उपस्थिति में मतदान कराया जाएगा। केंद्र सरकार ने भी साफ़ कर दिया है कि इस बार किसी प्रकार की हिंसा नहीं होने देंगे। नक्सलियों पर लगाम कसने के लिए छतीसगढ़ समेत चार राज्यों ने मिल कर यह निर्णय लिया है कि चुनाव के दौरान किसी प्रकार की गड़बड़ी या हिंसा नहीं होने दी जाएगी।

बरामद हुए हाईटेक हथियार

घटना स्थल से सुरक्षाबलों ने एक एलएमजी ऑटोमेटिक हथियार, एक 303 राइफल, एक 12 बोर बंदूक, बड़ी संख्या में बीजीएल लॉन्चर और अन्य हथियार तथा विस्फोटक पदार्थ बरामद किए। मुठभेड़ में कई नक्सलियों के घायल होने की भी संभावना जताई गई। बीजापुर जिला बस्तर लोकसभा क्षेत्र में आता है जहां 19 अप्रैल को आम चुनाव के पहले चरण में मतदान होगा।

कम दिन के अंतर पर हाथ लगी दूसरी सफलता

पुलिस के मुताबिक, इससे पहले सुरक्षाबलों ने 27 मार्च को बीजापुर के बासागुड़ा इलाके में मुठभेड़ के दौरान छह नक्सलियों को मार गिराया था। अधिकारियों ने बताया कि इस घटना के बाद इस साल में अब तक बीजापुर जिले सहित बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में 43 नक्सली मारे गए हैं।