भोपाल। किर्गिस्तान में पढ़ रहे मध्य प्रदेश के छात्रों के अभिभावकों ने केंद्र सरकार से राजधानी बिश्केक (Bishkek) में स्थानीय लोगों और विदेशियों के बीच झगड़े की खबरों के बीच अपने बच्चों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।किर्गिज़ राजधानी में अंतरराष्ट्रीय छात्रों, खासकर दक्षिण एशिया के छात्रों को निशाना बनाने वाली भीड़ की हिंसा की रिपोर्ट के बाद भारत सरकार ने बिश्केक में अपने छात्रों को घर के अंदर रहने के लिए कहा है। इस बीच, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तीन छात्रों विवेक शर्मा, रोहित पांचाल और रवि सराठे से बात की और स्थिति का जायजा लिया। साथ उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। छात्रों से बातचीत के बाद यादव ने एक वीडियो बयान में कहा कि उन्हें किर्गिस्तान में पढ़ रहे राज्य के छात्रों के बारे में जानकारी दी गई, जहां स्थानीय और विदेशियों के बीच लड़ाई हो गई। यादव ने कहा कि इस घटना से भारतीय छात्रों में चिंता फैल गई है। उन्होंने कहा, “मैंने मध्य प्रदेश के छात्रों से बात की है, जिनमें उज्जैन, मंदसौर, नीमच और अन्य स्थानों के छात्र भी शामिल हैं। वे सुरक्षित हैं। हम केंद्र के संपर्क में हैं और छात्रों को सुरक्षा प्रदान की गई है।” एमपी के मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश के लगभग 1200 छात्र किर्गिस्तान में पढ़ रहे हैं। चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि छात्रों को उनकी परीक्षा पूरी होने के बाद ही बुलाया जाए। साथ ही, हम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं। सरकार छात्रों के संपर्क में है। उम्मीद है कि स्थिति जल्द ही सामान्य होगी।  सीएम के मुताबिक, छात्रों ने जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक वे हॉस्टल में रहते हैं और फिलहाल उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। सीएम ने छात्रों से अपनी पढ़ाई जारी रखने और आगामी परीक्षाओं की तैयारी करने को कहा है।यादव ने छात्रों से कहा, परीक्षा के बाद ढाई महीने की लंबी छुट्टी होगी और फिर उन्हें बुलाया जाएगा। उन्होंने परिजनों और छात्रों को आश्वासन दिया कि किसी भी कठिन परिस्थिति में जिला प्रशासन को सूचित करें और तुरंत कार्रवाई की जाएगी। मंगलवार को एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए अलका सोलंकी ने कहा कि उनका बेटा राज मध्य एशियाई देश में मेडिकल छात्र है। पिछले दो दिनों में देश में जो कुछ हुआ है, उससे मेरा बेटा डरा हुआ है। मैं केवल यही चाहती हूं कि मेरा बेटा अन्य छात्रों के साथ सुरक्षित घर लौट आए। मैंने अपने बेटे से बात की है, और छात्रों को बाहर जाने की अनुमति नहीं है। फिलहाल पूरा परिवार डरा हुआ है। एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे योगेश के पिता चैन सिंह चौधरी ने दावा किया कि छेड़छाड़ की एक घटना को लेकर स्थानीय लोगों और मिस्र के कुछ छात्रों के बीच झगड़ा हुआ था, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने विदेशी छात्रों पर हमला करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मोहन यादव से छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। MBBS थर्ड ईयर के छात्र  रवि की मां लीना सराठे ने कहा, “बिश्केक के हालात के कारण मेरा बेटा और अन्य छात्र डरे हुए हैं। मैं चाहती हूं कि मेरा बेटा सुरक्षित घर लौट आए।  इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय छात्रों को भारतीय दूतावास के साथ नियमित संपर्क में रहने की सलाह दी थी। किर्गिस्तान में भारतीय दूतावास ने कहा कि वह छात्रों के संपर्क में है और स्थिति शांत है।