करनाल। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता मनोहर लाल खट्टर, पार्टी द्वारा अपनी जगह नायब सिंह सैनी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाए जाने के दो महीने बाद, पहली बार लोकसभा में जाने की तैयारी कर रहे हैं। करनाल संसदीय सीट से 19 उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन मुकाबला मुख्य रूप से 70 वर्षीय नेता और पूर्व आरएसएस ‘प्रचारक’ खट्टर तथा हरियाणा युवा कांग्रेस के अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा (30) के बीच है। अक्टूबर 2014 में, जब भाजपा पहली बार अपने दम पर हरियाणा में सत्ता में आई तो करनाल से पहली बार विधायक बने खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया गया। साढ़े नौ साल बाद, पार्टी ने मुख्यमंत्री पद के लिए उनकी जगह कुरूक्षेत्र के सांसद नायब सैनी को चुना। हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा नेतृत्व परिवर्तन आश्चर्य का विषय था, लेकिन खट्टर ने कहा कि उनकी जगह सैनी को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय अचानक नहीं लिया गया था और उन्होंने एक वर्ष से अधिक समय पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यह सुझाव दिया था। विधायक पद से खट्टर के इस्तीफे के बाद खाली हुई करनाल विधानसभा सीट पर सैनी उपचुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर मतदान, 25 मई को छठे चरण में हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों के लिए मतदान के साथ होगा।
चुनाव से कुछ दिन पहले खट्टर न केवल करनाल में प्रचार कर रहे हैं, बल्कि वह हरियाणा में भाजपा का चेहरा होने के नाते पार्टी उम्मीदवारों के लिए अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में भी वोट मांग रहे हैं।
करनाल में चुनाव प्रचार के दौरान, खट्टर ने सभाओं में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश ने तेजी से प्रगति की है, जबकि कांग्रेस ने केवल खोखले नारे दिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने 55-60 वर्षों के शासन के दौरान देश में धारा 370, नक्सलवाद और आतंकवाद जैसे ‘कांटे’ बोये थे।
खट्टर 2014 और 2019 में करनाल सीट से दो बार हरियाणा विधानसभा के लिए चुने गए। वर्तमान में भाजपा के संजय भाटिया करनाल लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 2014 में भाजपा के अश्विनी चोपड़ा ने करनाल संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व किया था।
करनाल लोकसभा सीट में नौ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं, जिनमें से पांच का प्रतिनिधित्व भाजपा, तीन का कांग्रेस और एक का प्रतिनिधित्व निर्दलीय विधायक कर रहा है।
करनाल संसदीय क्षेत्र में 11,03,606 पुरुष मतदाता, 9,92,721 महिला मतदाता और 37 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं।