नई दिल्ली। देश में जारी लोकसभा चुनाव के बीच निर्वाचन आयोग ने सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि वे मतदाताओं को लुभाने के लिए चुनाव के बाद का प्रलोभन न दें। निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को सर्वे के नाम पर चुनाव बाद लाभ केंद्रित योजनाओं के लिए मतदाताओं का पंजीकरण नहीं करने का निर्देश दिया है। निर्वाचन आयोग ने कहा कि मतदान के एवज में लाभ व प्रलोभन की संभावना भ्रष्ट आचरण के समान है।
चुनाव आयोग ने चल रहे आम चुनाव 2024 में विभिन्न उदाहरणों को ध्यान में रखते हुए, सभी राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों को आज एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि सभी पार्टियां किसी भी ऐसी गतिविधि को तुरंत बंद कर दें और उससे दूर रहें, जिसमें किसी भी विज्ञापन/सर्वेक्षण/ऐप के माध्यम से चुनाव के बाद लाभार्थी-उन्मुख योजनाओं के लिए व्यक्तियों का पंजीकरण शामिल हो। आयोग ने कहा कि चुनाव के बाद लाभ देने के वास्ते पंजीकरण करने के लिए वोटरों को आमंत्रित करना एक भ्रष्ट आचरण है। आयोग ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को वैधानिक प्रावधानों के तहत ऐसे किसी भी विज्ञापन के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
चुनाव आयोग ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल और उम्मीदवार ऐसी गतिविधियों में संलग्न हैं जो वैध सर्वेक्षणों और चुनाव के बाद लाभार्थी-उन्मुख योजनाओं के मद्देनजर व्यक्तियों को पंजीकृत करने के पक्षपातपूर्ण प्रयासों के बीच की रेखाओं को पार कर रहे हैं। आयोग ने सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों को किसी भी विज्ञापन, सर्वेक्षण या मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से चुनाव के बाद लाभार्थी-उन्मुख योजनाओं के लिए लोगों को पंजीकृत करने वाली किसी भी गतिविधि को तुरंत बंद करने के लिए एक सलाह जारी की।
इसमें कहा गया है कि चुनाव के बाद के लाभों के मद्देनजर पंजीकरण के लिए निजी तौर पर मतदाताओं को आमंत्रित करने या बुलाने का कार्य निर्वाचक और प्रस्तावित लाभ के बीच एक लेन-देन जैसे संबंध का आभास पैदा कर सकता है और एक प्रलोभन जैसा है।