नई दिल्ली। सूर्य ग्रहण एक खगोलिय घटना है, जो तब होती है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है। सनातन धर्म में चंद्र और सूर्य दोनों ग्रहों का विशेष महत्व है। धार्मिक दृष्टि से ग्रहण काल को शुभ नहीं माना जाता। इस बार साल 2024 का दूसरा ग्रहण लगने जा रहा है। साल का पहला ग्रहण 8 अप्रैल को लगा था। हालांकि पहला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं नजर आया था। तो आइए जानते हैं कि इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण कब लगने जा रहा है- इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण आश्विन मास की अमावस्या तिथि यानी 2 अक्टूबर, 2024 को लगने जा रहा है। सूर्य ग्रहण रात 9 बजकर 13 मिनट से आरंभ होगा और अगले दिन यानी 3 अक्टूबर की सुबह 3 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। दूसरे सूर्य ग्रहण की अवधि करीब 6 घंट तक की रहेगी। यह ग्रहण काफी लंबे समय तक रहेगा।

कहां-कहां दिखाई देगा दूसरा सूर्य ग्रहण
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा लेकिन 2 अक्टूबर, 2024 को लगने वाला दूसरा सूर्य ग्रहण अमेरिका, अर्जेटीना, अंटार्कटिका, उरुग्वे, होनोलूलू, ब्यूनत आयर्स, आर्कटिक, प्रशांत महासागर, पेरी, चिली, और आइलैंड के उत्तरी भाग में दिखाई देगा।

सूर्य ग्रहण में सूतक काल का समय
शास्त्रों के अनुसार, सूर्य ग्रहण लगने से ठीक 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। 2 अक्टूबर को लगने वाला दूसरा सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। ऐसे में सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा। जब सूतक काल लगता है तो सभी शुभ और मांगलिक कार्यों के साथ-साथ पूजा-पाठ भी नहीं किए जाते। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है। सूतक काल के दौरान मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। ग्रहण खत्म होने के बाद मंदिर को गंगा जल से पवित्र करके कपाट खोले जाते हैं।

कहां लगेगा सूर्य ग्रहण
भारत में जो लोग इस सूर्य ग्रहण को देखने का इंतजार कर रहे हैं, उन्हें निराश होना पड़ेगा। भारत के हिसाब से यह सूर्य ग्रहण रात में लगेगा, इसलिए यह हमें नहीं दिखेगा। भारत में अदृश्य रहते हुए भी वलयाकार ग्रहण दुनिया के कई देशों में दिखेगा। दक्षिण अमेरिका के उत्तरी हिस्सों, आर्कटिक, अर्जेंटीना, ब्राजील, पेरू, फिजी, चिली और प्रशांत महासागर में इस खगोलीय घटना को देखा जा सकेगा। इस इलाके में मौजूद खगोल विज्ञानी उत्साह के साथ सूर्य ग्रहण का इंतजार कर रहे हैं।

क्या होता है सूर्य ग्रहण
हमारे सौर मंडल में सभी ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हैं। पृथ्वी भी उनमें से एक है। लेकिन चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है। नासा के मुताबिक जब चक्कर लगाते हुए चंद्रमा जब पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाए तो यह सूर्य ग्रहण कहलाता है। इस दौरान धरती के कुछ हिस्सों में प्रकाश नहीं पहुंच पाता है। अंतरिक्ष से अगर देखें तो एक विशाल परछाई पृथ्वी की सतह पर दिखाई देगी। वहीं जब चंद्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी आ जाए तो यह चंद्र ग्रहण कहलाता है।

Source : Agency