धार। भोजशाला में रविवार को मिले 79 पुरावशेषों की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने सोमवार को सफाई तो उनमें शामिल एक मूर्ति को लेकर हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि यह भगवान ब्रह्मा की है, जो अपने पूरे परिवार के साथ विराजित हैं। एक अन्य पुरावशेष पर कमल के फूल पर कछुआ विराजमान है, जो लक्ष्मी का प्रतीक चिह्न माना जाता है।
हिंदू पक्ष ने किया ये दावा
हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा और आशीष गोयल ने दावा किया है कि रविवार को मिले 79 अवशेषों में भगवान गणेश, महिषासुर मर्दिनी, मां पार्वती, भगवान हनुमान और भैरवनाथ की मूर्तियां भी शामिल हैं। भोजशाला के भीतर कमरे में खोदाई से ये मूर्तियां बरामद हुईं। इस कमरे से भगवान गणेश और मां वाग्देवी की मूर्ति खंडित हैं।
81वें दिन से जारी है सर्वे
सोमवार को ASI की ओर से भोजशाला में 81वें दिन का सर्वे किया गया। अंदर उत्तरी भाग में सात और पुरावशेष मिले। अब इनकी भी सफाई की जाएगी। सुबह से लेकर शाम तक गर्भगृह में कई नए स्थान पर सर्वे किया गया। यज्ञ कुंड परिसर के परिक्रमा वाले क्षेत्र और पूर्वी भाग यानी प्रवेश द्वार के नजदीक भी खोदाई की गई।
अब तक मिल चुके हैं 1607 पुरावशेष
22 मार्च से भोजशाला में सर्वे का कार्य किया जा रहा है। इसमें अब तक 1607 अवशेष मिल चुके हैं। इसमें प्रमुख रूप से स्तंभ के पत्थर मिल रहे हैं। रविवार व सोमवार को दोनों दिन के सर्वे में 86 अवशेष मिले। बता दें कि पूर्व में भोजशाला में ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) उपकरण से भी सर्वे किया गया था। इसकी रिपोर्ट के आधार पर नए स्थानों पर खोदाई की जा रही है।
दस्तावेज बनाने का कार्य शुरू
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर 4 जुलाई तक हर हाल में अपनी सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। इसके लिए प्रतिदिन होने वाले सर्वे के आधार पर विशेषज्ञ टीम दस्तावेजों को तैयार कर रही है। इसमें वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के साथ ड्राइंग के आधार पर अवशेषों के बारे में विवरण तैयार किया जा रहा है। सर्वे की समय सीमा 27 जून तक है। सर्वे समाप्त होने के एक सप्ताह के भीतर चार जुलाई तक रिपोर्ट प्रस्तुत करना होगी, इसलिए अब ASI की ओर से रिपोर्ट तैयार करने पर फोकस किया जा रहा है।