कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा में नीट के खिलाफ प्रस्ताव पारित हुआ है। असेंबली में नीट परीक्षा में धांधली के खिलाफ प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसमें कहा गया है कि हाल ही में जो परीक्षा हुई है, उसमें धांधली हुई है। बंगाल सरकार ने कहा कि हम चाहते हैं कि मेडिकल के लिए होने वाली नीट परीक्षा से बंगाल को बाहर रखा जाए। बंगाल से पहले तमिलनाडु विधानसभा से भी इस तरह का प्रस्ताव पारित हो चुका है। दोनों राज्यों का कहना है कि हम मेडिकल प्रवेश परीक्षा में पहले वाला ही सिस्टम चाहते हैं। बंगाल विधानसभा से यह प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट के आदेश के एक दिन बाद ही पारित हुआ है। मंगलवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नीट परीक्षा दोबारा नहीं होगी। बंगाल सरकार के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने कहा, ‘ये एग्जाम जब केंद्र सरकार को सौंपे गए तो यह संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाने वाला कदम था। हमारी तरफ से इसका विरोध भी हुआ था। तब तो गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि नीट परीक्षाओं का आयोजन केंद्र की ओर से नहीं होना चाहिए। अब वह देश के प्रधानमंत्री हैं।’ वहीं भाजपा की ओर से भी टीएमसी सरकार के प्रस्ताव का विरोध किया गया। भाजपा के शंकर घोष ने कहा, ‘जो लोग इस तरह का प्रस्ताव विधानसभा में लेकर आए हैं, वे तो खुद ही एजुकेशन सिस्टम में गले तक भ्रष्टाचार में डूबे हैं। तृणमूल कांग्रेस और पारदर्शिता का आपस में कोई संबंध नहीं है।