एकादशी हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। यह प्रत्येक चंद्र माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को आती है, यानी एक माह में दो बार एकादशी होती है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। वहीं, सनातन धर्म में देवशयनी एकादशी का विशेष महत्व है। इसे आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन मनाया जाता है। इसे हरिशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन से चतुर्मास की शुरुआत होती है। इस दौरान भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं और चार महीनों तक शयन करते हैं। इस अवधि के दौरान शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, आदि नहीं किए जाते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवशयनी एकादशी के व्रत का पालन करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है। साथ ही उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, इस व्रत को करने से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। उनकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। इस दिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, घर के कुछ स्थानों तुलसू का पत्ता रखने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

इन जगहों पर रखें तुलसी पत्ता

रसोई घर को घर का अग्नि कोण माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इसे दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए। रसोई घर को स्वच्छ और व्यवस्थित रखने से घर में समृद्धि बनी रहती है। खाना बनाने वाली का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। इस स्थान पर तुलसी का पत्ता अवश्य रखें।

घर की पूर्व दिशा को सूर्य की ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। इस दिशा को साफ-सुथरा और खुला रखना चाहिए। पूर्व दिशा में खिड़कियां और दरवाजे होने चाहिए ताकि सुबह सूर्य की किरणें घर में प्रवेश कर सकें। इसलिए ऐसी जगह पर भी तुलसी का पत्ता अवश्य रखें।

मुख्य द्वार को घर की सबसे महत्वपूर्ण दिशा माना जाता है। इसे हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए। मुख्य द्वार पर शुभ प्रतीकों (जैसे स्वस्तिक, ओम) का चिह्न बनाएं।

दरवाजे पर सुंदर रंगोली और दीपक लगाने से सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है।
पूजा कक्ष में तुलसी दल रखने से पूजा की पवित्रता और प्रभावशीलता बढ़ती है। यह देवताओं को प्रसन्न करता है और उनकी कृपा प्राप्त होती है।

देवशयनी एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते इन स्थानों पर रखने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और बरकत आती है। इस दिन उपवास रखने और तुलसी की पूजा करने से भी विशेष लाभ होता है।