लेखक-सत्येंद्र जैन/भोपाल। मुख्यमंत्री डाक्टर मोहन यादव की सरकार का पहला बजट वर्ष 2024-25 हेतु उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा विधानसभा पटल पर प्रस्तुत किया गया है।यह बजट, देश की स्वतंत्रता के अमृत काल में मध्य प्रदेश का माखन -मिश्री रूपी अमृत बजट है।जिसमें प्रदेश का विकास और भगवान रूपी जनता के कल्याण की सुगंध प्रवाहित हो रही है। मोहन के मोहक बजट में रामराज की छवि स्पष्ट रूप से प्रतिबिंबित हो रही है।

रामराज में महाकवि गोस्वामी तुलसीदास ने महाकाव्य रामचरित मानस में वर्णित किया है कि-

दैहिक, दैविक, भौतिक तापा, रामराज काहुहि नहीं व्यापा।

सब नर करहिं परस्पर प्रीती। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीती॥

इसका अर्थ यह है कि प्रभु श्री राम के राज्य में देह से संबंधित रोग,दैवीय प्रकोप और भौतिक आपदा का प्रभाव नहीं था।साथ ही राज्य का वित्तीय प्रबंधन ‘सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय ‘ के मंत्र से प्रभावित था।

बरसत हरसत सब लखें, करसत लखे न कोय।

तुलसी प्रजा सुभाग से, भूप भानु सो होय।

राज्य का कर निर्धारण इस प्रकार हो कि जैंसे सूर्य समुद्र से, तालाब आदि विभिन्न जल स्रोतों से जल अवशोषित करता है,सोख लेता है।किसी को पता भी नहीं चलता है।किंतु जब सूर्य वाष्प रूपी संचित जल को बादल रूप में पृथ्वी पर वर्षाता है तो सभी प्रसन्न हो जाते हैं, सुखी हो जाते हैं।

 

मुख्यमंत्री डाक्टर मोहन यादव के अनेक निर्णयों में संस्कृति वत्सल,प्रतापी,कुशल प्रशासक,विक्रमादित्य की छवि दृष्टिगोचर होती है।आर्थिक सूझ-बूझ के दृष्टिगत महानतम अर्थशास्त्री चाणक्य के अर्थशास्त्रीय मंत्रों को आत्मसात करते हुए मोहन सरकार प्रगति पथ पर अग्रसर है।मुख्यमंत्री डाक्टर मोहन यादव और उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के कुशल वित्तीय सुप्रबंधन का ही सुफल है कि इस बजट में कोई भी नया कर आरोपित नहीं किया है।यह निर्णय प्रजा को राहत प्रदान करता है।यह सर्व समावेशी बजट है ।इस बजट को प्रस्तुत करने के पूर्व प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों जैसे व्यापार, उद्योग, स्वास्थ्य,शिक्षा,श्रम, पर्यावरण, पत्रकारिता,आम नागरिकों आदि से संवाद कर एवं विभिन्न माध्यमों से सुझावों को संकलित कर विमर्श उपरांत तैयार किया गया है।यह बजट प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर,निवेश को बढ़ाने के साथ-साथ सभी के लिए लोक मंगलकारी बजट है।

 

विकसित भारत निर्माण की लक्ष्य पूर्ति का बजट –

भाजपा की मोहन सरकार का लक्ष्य है कि आगामी 5 वर्षों में बजट के आकार को दोगुना करना, पूंजीगत निवेश को बढ़ाना,सड़क विस्तार एवं संधारण, सिंचाई क्षेत्रफ़ल जल संचय क्षमता विस्तारण,बिजली,सौर,पवन ऊर्जा उत्पादन,वितरण सुविधा का विस्तार, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा का विकास और उद्योग,रोजगार के अवसर वृद्धि हेतु निवेश आकर्षित करने आदि के लक्ष्यों को पूर्ण कर विकसित भारत निर्माण के परम लक्ष्य में योगदान देना है। भारत की अर्थव्यवस्था में मध्य प्रदेश का योगदान 3.6 प्रतिशत से बढ़कर के लगभग 5 प्रतिशत हो गया है।

 

सशक्त आर्थिक बजट-

मोहन सरकार ने राज्य की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया है।3.65 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट प्रस्तुत किया है।यह पिछले बजट सेे 16 प्रतिशत अधिक है। यह बजट भाजपा सरकार के संकल्प,प्रदेश के क्रमिक,उत्तरोत्तर विकास को दर्शाता है।राज्य की सकल घरेलू उत्पाद की दर जीएसडीपी भी 9.37 प्रतिशत से बढ़ी है।राज्य का पूंजीगत व्यय भी बढ़कर लगभग 65 हजार करोड़ हुआ है ,जो राज्य की जीएसडीपी का 4.25 प्रतिशत से अधिक है।वर्तमान बजट का लगभग 18 प्रतिशत है । अधो सरंचना विकास में सरकार पिछले वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक राशि व्यय करने जा रही है।यह भाजपा की मोहन सरकार का साहस ही है जो संकल्प पत्र के संकल्पों को पूरित करने के संकल्प के समानान्तर इंफ्रास्ट्रक्चर पर महती धनराशि निवेश कर रही है।अधिक पूंजीगत व्यय से ही मध्य प्रदेश का वास्तविक, शाश्वत विकास संभव है। अनेक आर्थिक अध्ययनों में अर्थशास्त्रियों द्वारा बताया गया है कि कैपिटल एक्सपेंडिचर में एक रुपए व्यय करने पर लॉन्ग टर्म में ₹3 से अधिक ,अर्थ तंत्र में आते हैं ।आर्थिक व्यवस्था सशक्त होती है।

इस बजट में कुल प्राप्तियों का अनुमान 3.30 लाख करोड़ रुपये है।पिछले वर्ष के सापेक्ष 17 प्रतिशत अधिक है।राजस्व प्राप्ति अनुमान भी 17 प्रतिशत बढ़ा है।जो 2.63 लाख करोड़ रुपए से अधिक होने की संभावना है ।राज्य के स्वयं के कर की राशि भी 18 प्रतिशत से बढ़कर 1.02 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। केंद्रीय करों से प्रदेश को लगभग 96 ह…
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