नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी विवाद से जुड़ी याचिकाओं पर मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच बेंच ने कहा कि नीट यूजी दोबारा कराने की जरूरत नहीं है। सीजेआई ने कहा कि जिन लोगों ने गड़बड़ी का फायदा उठाया है, उनकी बेदाग कैंडिडेट से अलग पहचान कर पाना संभव नहीं है। आगे चलकर गड़बड़ी पाई जाती है तो उनका एडमिशन रद्द हो सकता है। सीजेआई ने कहा कि इस साल के लिए नए सिरे से नीट यूजी परीक्षा करने का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा, जिसका खामियाजा परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से अधिक छात्रों को भुगतना पड़ेगा और प्रवेश कार्यक्रम में व्यवधान पैदा होगा।
क्या कहा सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने
- CBI ने हमारे निर्देश के मुताबिक स्टेट्स रिपोर्ट दखिल की है।
- सीबीआई की जांच के मुताबिक, पेपर लीक की वजह से 155 ऐसे छात्र है, जिन्हें गड़बड़ी का फायदा मिला है।
- डेटा से ये नहीं लगता कि सिस्टिमिक ब्रीच हुआ है या पूरी परीक्षा की गरिमा प्रभावित हुई है।
- सीबीआई की जांच अधूरी ही है, इसलिए हमने एनटीए से यह स्पष्ट करने को कहा था कि क्या गड़बड़ी बड़े पैमाने पर हुई है या नहीं। केंद्र और एनटीए ने अपने जवाब में आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट का हवाला दिया है।
- पटना, हजारीबाग में लीक हुआ, इसको लेकर कोई विवाद नहीं है।