नई दिल्ली। मार्केट रेगलुेटर सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशन्स लिमिटेड के फाउंडर विजय शेखर शर्मा और आईपीओ के समय बोर्ड मेंबर्स रहे लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार यह नोटिस गलत जानकारी पेश करने के मामले से जुड़ा है। पेटीएम का आईपीओ नवंबर 2021 में आया था। बता दें कि कंपनी के शेयरों में सोमवार को भारी गिरावट देखने को मिली है। पेटीएम के शेयर शुक्रवार की क्लोजिंग की तुलना में 9 प्रतिशत तक टूट गए हैं।

क्या है मामला?
पेटीएम को जारी किए गए इस नोटिस में प्रमोटर क्लासिफिकेशन नियमों को कथित तौर पर ना मानने के मामले से जुड़ा है। रिपोर्ट के अनुसार यह जांच रिजर्व बैंक की तरफ से मिले इनपुट के आधार पर शुरू की गई थी। बता दें, पेटीएम पेमेंट्स बैंक की जांच के बाद इस साल के शुरूआत में रिजर्व बैंक ने कड़ा एक्शन लिया था।

सेबी की नोटिस में क्या कुछ है?
रिपोर्ट के अनुसार सेबी के नोटिस का मुख्य बिंदु यह है कि क्या विजय शेखर शर्मा को प्रमोटर्स के तौर पेश किया जाना चाहिए था। जब कंपनी का आईपीओ आया था तब उनके पास सिर्फ एक कर्मचारी के बजाए मैनेजमेंट का कंट्रोल भी था। सेबी ने इसीलिए उस समय के डायरेक्टर्स को भी नोटिस जारी किया है। सेबी ने अपने नोटिस में उन लोगों से सवाल किया है कि विजय शेखर शर्मा के इस कदम का समर्थन क्यों किया था। सेबी के नियमों के अनुसार अगर विजय शेखर शर्मा प्रमोटर्स पेश किए जाते तो वो एम्प्लॉयी स्टॉक ऑप्शन्स (ESOPs) के लिए योग्य नहीं रह जाते। सेबी के नियमों के अनुसार जबतक कोई कंपनी प्रोफेशनली मैनेज्ड नहीं घोषित करती है। तब तक उसे प्रमोटर द्वारा संचालित ही माना जाता है। प्रोफेशनली मैनेज्ड होने के लिए किसी भी कंपनी के एक हिस्सेदार के पास 10 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी नहीं होनी और ना ही एक हिस्सेदार का कंट्रोल होना चाहिए।

पेटीएम के शेयरो में भारी गिरावट
बीएसई में आज पेटीएम के शेयर शुक्रवार की क्लोजिंग की तुलना में बढ़त के साथ 560 रुपये के लेवल पर खुले थे। कुछ देर के बाद कंपनी के शेयर 565.45 रुपये के इंट्रा-डे हाई पर पहुंच गए थे। हालांकि, इसके बाद शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है। सोमवार के इंट्रा-डे हाई की तुलना में शेयर 11.91 प्रतिशत की गिरावट के बाद 505.25 रुपये के इंट्रा-डे लो लेवल तक पहुंच गए थे।