भोपाल। गांधी मेडिकल कालेज से सबंद्ध हमीदिया अस्पताल के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग में स्किन बैंक की सुविधा शुरू हो चुकी है।यह प्रदेश की दूसरी स्किन बैंक होगी। इसे कमला नेहरू की बिल्डिंग के पहली मंजिल पर शुरू किया गया है। इसके लिए अभी तक चार केडेवरिक ग्राफ्ट भी लगाई गई है, जिसका उपयोग गंभीर रूप से जले मरीजों एवं दुर्घटना में चोट लगने वाले मरीजों के घाव को भरने में किया जाएगा। इस स्किन बैंक की लागत 15 लाख रुपये आई है। इस बैंक में स्किन को छह माह तक सुरक्षित रखा जा सकेगा। यह स्किन बैंक प्रदेश का दूसरा और भोपाल का पहला बैंक है, इससे पहले यह सुविधा जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद बोस मेडिकल अस्पताल में थी। इसका उद्घाटन डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन डा. एके श्रीवास्तव ने किया। इस दौरान हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक सुनीत टंडन, जीएमसी डीन डा. कविता एन सिंह, प्रो. एचओडी डा. अरुण भटनागर, डेसिगेटेड प्रोफेसर डा. आनंद गौतम, सहायक प्राध्यापक डा. हरि शंकर सिंह आदि मौजूद रहे। प्रो. एचओडी डा. अरुण भटनागर ने बताया कि इस बैंक में स्किन को माइनस 20 डिग्री पर रखते हैं तो तीन माह तक जबकि -80 डिग्री पर रखते हैं तो छह माह के बाद भी स्किन का इस्तेमाल किया जा सकता है। जब हम स्किन निकालते हैं तो उसके पीस को कल्चर टेस्ट करते हैं। फिर इसका इस्तेमाल किया जाता है, इसके लिए डीप फ्रीजर भी है और कूलिंग कैबिनेट भी हैं। इसकी करीब 15 लाख की लागत है।

नौ माह पहले तैयार किया था प्रपोजल

प्रो. एचओडी डा. अरुण भटनागर ने बताया कि दुर्घटनाओं में झुलसे लोगों के इलाज के लिए स्किन की जरूरत होती है। अभी तक स्किन बैंक नहीं होने के कारण स्किन डोनेशन की व्यवस्था हमीदिया अस्पताल में नहीं थी। करीब नौ महीने पहले बर्न एंड प्लास्टिक विभाग द्वारा इसके लिए प्रपोजल तैयार किया था। बजट मिलने पर स्किन बैंक के लिए जरूरी उपकरण और इंफ्रास्ट्रक्चर जुटाकर स्किन बैंक शुरू करने के लिए कार्रवाई शुरू हुई। डा. भटनागर ने बताया कि बैंक में डीप फ्रीज दो हजार लीटर, कूलिंग कैबिनेट तीन हजार लीटर के हैं। इसमें 100 मि.ली. के 60 से अधिक बाटल रख सकते हैं।

हर माह आते हैं 60 से अधिक मरीज

हमीदिया अस्पताल प्रबंधन के अनुसार यहां आने वाले अधिकतर मरीज 30 से 60 प्रतिशत बर्न होते हैं या उससे अधिक भी जाते हैं, ऐसे में इन मरीजों को स्किन की आवश्यकता होती है। ऐसे मरीजों में सक्रमण न हो इसके लिए स्किन की जरूरत होती है। हमीदिया में महीने भर में 60 से अधिक ऐसे मरीज आते हैं। जिसमें से करीब 40 के करीब मरीजों में स्किन की आवश्यकता होती है।

दो प्रकार से स्किन कर सकते हैं दान

इस बैंक में जीवित और मृत व्यक्ति की त्वचा को डोनेट किया जा सकेगा। इस स्किन को किसी भी मरीज के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। मेजर बर्न के मरीजों की जान बचाई जा सकेगी। इससे संक्रमण का खतरा कम होगा। इसमें खून ज्यादा नहीं निकलता। व्यक्ति के शरीर हाथ और पैरों के हिस्से ही स्किन निकाली जाती है।