भोपाल। जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने सभी विभागीय अधिकारियों को अपने-अपने कार्य क्षेत्र के अतंर्गत बांधों एवं जलाशयों की सुरक्षा के संबंध में जिला प्रशासन से सतत् समन्वय के साथ पूर्ण मुस्तेदी के साथ कार्य करने के निर्देश दिये है, जिससे किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति निर्मित न हो। बांधों से जल निकासी के संबंध में निरंतर सूचना जनता को दी जाए तथा सारे सुरक्षात्मक उपाय किए जाएं। जल संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने आज विभाग के राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण प्रकोष्ठ में प्रदेश के विभिन्न बांधों के जल भराव के संबंध में समीक्षा बैठक ली। साथ ही नियंत्रण प्रकोष्ठ में स्थापित स्काडा सिस्टम के माध्यम से तवा एवं बरगी बांध का लाइव वर्चुअल अवलोकन किया। समीक्षा के दौरान विभागीय अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि विभिन्न कछार अंतर्गत 30 बांधों के जलद्वारों के माध्यम से अतिरिक्त पानी की निकासी की जा रही है। मंत्री श्री सिलावट द्वारा द्वारा दूरभाष के माध्यम से जबलपुर, रीवा, भोपाल, ग्वालियर, सागर संभागों के संभाग आयुक्त एवं भारी बारिश की चेतावनी वाले जिलों ग्वालियर, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, छतरपुर, सागर, जबलपुर, रीवा जिले के कलेक्टर्स से चर्चा कर सभी आवश्यक प्रबंध किये जाने के निर्देश दिये गये। मंत्री ने विभाग के सभी मैदानी मुख्य अभियंताओं से दूरभाष पर चर्चा कर वस्तु स्थिति की जानकारी ली । प्रदेश में इस वर्ष अभी तक 991.90 मिली मीटर वास्तविक वर्षा दर्ज की गई है, जो कि प्रदेश की औसत वर्षा से 14 प्रतिशत से अधिक है। राज्य के पूर्वी हिस्से में औसत से 11 प्रतिशत से अधिक एवं पश्चिमी हिस्से में औसत से 17 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। विगत वर्ष आज इसी स्थिति में 764.40 मिली मीटर वर्षा दर्ज की गई थी, जो कि औसत से 12 प्रतिशत से कम थी। विगत वर्ष में इसी दिनांक की स्थिति में प्रदेश के प्रमुख बांधों में 68.67 प्रतिशत औसत जल भराव था, जो कि इस वर्ष लगभग 86.67 प्रतिशत है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश के सभी वृहद बांध 90 प्रतिशत से ऊपर जल भराव की स्थिति में है।