नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी की 18 वीं सीट पर बीजेपी के सुंदर सिंह तंवर जीत गए हैं। शुक्रवार को हुए मतदान में सुंदर सिंह तंवर को 115 वोट मिले, जबकि विरोध में शून्य वोट पड़े हैं। इस जीत के साथ ही 18 सदस्यों वाली स्टैंडिंग कमेटी में बीजेपी के 10 और आप के 8 सदस्य हो गये हैं। इससे स्टैंडिंग कमेटी का चेयरमैन भाजपा का बनना तय हो गया है, क्योंकि बीजेपी का स्टैंडिंग कमेटी में बहुमत हो गया है। दिल्ली नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर की अध्यक्षता में चुनाव कराए गए। खास बात यह है कि चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के निगम पार्षद शामिल नहीं हुए। आप एलजी के आदेश का विरोध करते हुए चुनाव का बहिष्कार किया। बता दें कि एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी के एकमात्र सदस्य के चुनाव में बीजेपी ने सुंदर सिंह को प्रत्याशी बनाया था।

बैठक बुलाने का अधिकर सिर्फ मेयर को- अरविंद केजरीवाल

स्टैंडिंग कमेटी चुनाव के मुद्दे पर दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, “एमसीडी के कानून में साफ-साफ लिखा हुआ है कि सदन की सिटिंग बुलाने का अधिकार केवल मेयर को है। सदन की सिटिंग LG या कमिश्नर नहीं बुला सकते हैं। कल को लोकसभा की अध्यक्षता होम सेक्रेटरी से करवा देंगे।”

बीजेपी की नीयत में खोट

केजरीवाल ने कहा, “हम जनतंत्र में रहते हैं। कानून में लिखा है कि जब भी सदन बुलाया जाएगा तो 72 घंटे का समय दिया जाएगा। हर पार्षद को टाइम की जरूरत होती है। उनकी नियत में खोट नजर आ रहा है। कुछ न कुछ गड़बड़ करने की साजिश नजर आ रही है। तभी ताबड़तोड़ लगे हुए हैं। मेयर ने कमिश्नर को चिट्ठी लिखकर आज होने वाले चुनाव को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार दिया है। उन्होंने कहा कि आज का चुनाव न कराया जाए।”

एमसीडी का सियासी समीकरण

एमसीडी में कुल 250 पार्षद हैं, जिन्हें स्टैंडिंग कमेटी के अंतिम सदस्य का चुनाव करना था। इनमें एक पार्षद का इस्तीफा देने की वजह से एक सीट खाली है। कांग्रेस के नौ पार्षदों ने वोट डालने का फैसला नहीं लिया। कुल मिलाकर पार्षदों की संख्या घटकर 240 हो गई। यानी 121 पार्षदों का वोट जिसके पक्ष में जाएगा वो स्टैंडिंग कमेटी का सदस्य चुन लिया जाएगा। एमसीडी में आप के पास 125 पार्षद हैं। बीजेपी के पास 115। गुरुवार को तय चुनाव से ठीक पहले आप के तीन पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए। इसके अलावा आप के कुछ पार्षदों को लेकर ये कयास लगाए जा रहे थे कि वे बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। ऐसे में चुनाव होने पर बीजेपी के प्रत्याशी के जीतने की उम्मीद थी।