हर‍तालिका तीज का व्रत महिलाएं अखंड सौभाग्‍य और पति की दीर्घायु के लिए हर साल सच्‍ची श्रद्धा और आस्‍था के साथ रखती हैं। इस साल हरतालिका तीज का व्रत 6 सिंतबर दिन शुक्रवार को रखा जाएगा। यह एक बेहद कठिन और निर्जला व्रत होता है। इस व्रत को निराहार किया जाता है और तीज के सूर्योदय से व्रत का आरंभ होता है और चतुर्थी के सूर्योदय के बाद यह व्रत खोला जाता है। भाद्रमास के शुक्‍ल पक्ष की तृतीया को यह व्रत किया जाता है। हरतालिका तीज का व्रत करने के लिए शास्‍त्रों में कुछ नियम बताए गए हैं, इनका पालन करते हुए व्रत करने से आपको व्रत का संपूर्ण फल प्राप्‍त होता है। आइए जानते हैं हरतालिका तीज व्र‍त की तिथि कब से कब तक है और साथ ही यह भी जानते हैं इस दिन महिलाओं को किन बातों का खास ख्‍याल रखना चाहिए।

हरतालिका तीज व्र‍त की तिथि कब से कब
पंचांग में बताया गया है कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 5 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से होगी और वहीं इस तिथि का समापन 6 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 21 मिनट पर होगा।

हरतालिका तीज व्र‍त में इन बातों का रखें ध्‍यान

हरतालिका तीज व्र‍त में महिलाएं निर्जला उपवास रखते हुए लंबी आयु की कामना के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। इस दिन व्रती महिलाओं को कुछ खास बातों का ध्‍यान रखना चाहिए। हरतालिका तीज का व्रत करने वाली महिलाओं को गलती से क्रोध नहीं करना चाहिए। अगर वे ऐसा करती हैं तो उनका व्रत अधूरा माना जाएगा। हरतालिका तीज का व्रत रखने का संकल्‍प करने के बाद भूल से भी यह व्रत तोड़ना नहीं चाहिए। ऐसा करने से सौभाग्‍यशाली स्त्रियों को अशुभ परिणाम प्राप्‍त होते हैं। व्रत रखने वाली महिलाओं को रात्रि में सोना नहीं चाहिए और पूरी रात में जागरण करते हुए भगवान शिव की कथा, स्रोत का पाठ करना चाहिए। पति की दीर्घायु के लिए व्रत करने वाली महिलाओं को इस दिन व्रत करते हुए पति से झगड़ा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान शिव उनसे नाराज होते हैं और व्रत के अशुभ परिणाम प्राप्‍त होते हैं। हरतालिका तीज का व्रत रखने वाली महिलाओं को इस दिन काले रंग से परहेज करना चाहिए। काले रंग की चूड़ि‍यां और कपडे़ पहनने से बचना चाहिए।इस दिन महिलाओं को घर के बड़े बुजुर्गों का भूलकर भी अपमान नहीं करना चाहिए। बल्कि उनके पैर छूकर व्रत करने का संकल्‍प लेना चाहिए।

हरतालिका तीज व्र‍त में पति भी इन बातों का रखें ध्‍यान

हरतालिका तीज व्र‍त महिलाओं पति के बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य और उनकी दीर्घायु के लिए करती हैं। ऐसे में पतियों को भी चाहिए कि अपनी पत्‍नी के लिए सुहाग का सामान, आभूषण, नए वस्‍त्र आदि लाकर उन्‍हें उपहार में दें। ऐसा करने से उनका दांपत्‍यए जीवन खुशहाली से भरा रहता है। हरतालिका तीज पतियों को भी घर में तामसिक वस्‍तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन भूलकर भी शराब, मांस मछली, अंडा, लहसुन और प्‍याज का प्रयोग न करें। हरतालिका तीज व्रत के दिन पतियों को संयम के साथ हर मामले में पत्‍नी का सहयोग करना चाहिए। इस व्रत में मन, वचन और कर्म की शुद्धता सबसे ज्‍यादा मायने रखती है।