ठाणे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आगामी राज्य विधानसभा चुनाव में जीत का दावा करते हुए कहा कि दिवाली के बाद सिर्फ महायुति गठबंधन ही पटाखे जलाएगा। अपने गृह नगर ठाणे में एक जनसभा को संबोधित करते हुए शिंदे ने अपने गुरु आनंद दीघे और शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे को विनम्र श्रद्धांजलि दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके नेतृत्व वाली शिवसेना दीघे और ठाकरे की सीख और सिद्धांतों का पालन करती रहेगी। शिंदे ने वहां मौजूद दर्शकों से पूछा, ‘‘क्या आप महायुति सरकार द्वारा शुरू की गई सारी योजनाओं और कार्यक्रमों को जारी रखना चाहते हैं?’’ इस पर लोगों ने हां में जवाब दिया। आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उप मुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नीत सत्तारूढ़ ‘महायुति’ या महागठबंधन की उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी), शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (एसपी) और कांग्रेस के महाराष्ट्र विकास आघाडी गठबंधन के साथ कांटे का मुकाबला होने की संभावना है। राज्य में अक्टूबर-नवंबर में चुनाव होने वाले हैं। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों का जिक्र करते हुए शिंदे ने कहा, ‘‘उन्हें गलियों या दिल्ली जाने दीजिए। उन्हें महत्व मत दीजिए। हम अपना काम जारी रखेंगे।’’ उन्होंने हालिया लोकसभा चुनाव में ठाणे सीट से शिवसेना नेता नरेश म्हास्के को उतारने के अपने फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि इस कदम का कुछ लोगों ने विरोध किया लेकिन म्हास्के ने इस सीट से जीत दर्ज की।अपने विरोधियों पर कटाक्ष करते हुए शिंदे ने दावा किया कि उनके विरोधी लगातार उन्हीं पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से राजाराम प्रथम के शासनकाल के दौरान मुगल सेनाओं का मुकाबला करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए मशहूर संताजी और धनाजी उनके दुश्मनों ने पानी में हर जगह दिखाई देते थे, उसी तरह वे एकनाथ शिंदे को हर जगह देखते हैं।’’ उन्होंने कहा कि जब तक लोगों का समर्थन उनके साथ है, तब तक वे आलोचनाओं से घबराने वाले नहीं हैं। शिंदे ने अपनी सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं का जिक्र किया और कहा कि महाराष्ट्र में हर परिवार की खुशहाली सुनिश्चित करने के लिए इन योजनाओं को शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र पहला राज्य है जिसने शिक्षित युवाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता की पेशकश की है।’’ उन्होंने एक परिवार की मदद के दौरान मार्मिक क्षण का भी जिक्र किया। शिंदे ने कहा, ‘‘मुझे आधी रात को पता चला कि एक लड़की ने आत्महत्या कर ली है क्योंकि उसके माता पिता उनकी शिक्षा का शुल्क वहन नहीं कर सकते थे। देर रात करीब दो बजे मैंने उच्च शिक्षा की पढ़ाई करने वाली सभी लड़कियों का शुल्क माफ करने का फैसला किया। महिलाओं के खातों में नकद हस्तांतरण की ‘‘लाडकी बहिन’’ योजना का जिक्र करते हुए शिंदे ने कहा कि 1,500 रुपये मासिक वित्तीय सहायता राशि का भुगतान बंद नहीं किया जाएगा, बल्कि ‘‘अगर आप इस सरकार की ताकत को और बढ़ाते हैं तो इसमें और इजाफा ही किया जाएगा।