नई दिल्ली। कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में एक सुनवाई के दौरान कहा कि ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाना नफरत फैलाने वाला भाषण नहीं है। इसे किसी भी तरह से दो धर्मों के बीच दुश्मनी या शत्रुता को बढ़ावा देने के रूप में नहीं समझा जा सकता। इस टिप्पणी के साथ, न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153 ए के तहत 5 लोगों के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द कर दिया। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, याचिकाकर्ता 9 जून को पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह से लौट रहा था। इस दौरान ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाने पर लोगों के एक समूह ने उस पर चाकू से हमला कर दिया।  इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई, लेकिन अगले दिन उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए सहित कई प्रावधानों के तहत FIR दर्ज की गई, जिसमें धर्म, जाति और जन्म स्थान के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए दंड का प्रावधान है।