नई दिल्ली। खालिस्तानी उग्रवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोप में अमेरिका की एक अदालत ने भारत सरकार के नाम समन जारी कर दिया है। इसे लेकर भारत सरकार ने सख्त आपत्ति जताई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे पूरी तरह से गलत बताया है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि यह एकदम गलत है और हम इस पर आपत्ति जताते हैं। न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने यह समन भारत सरकार, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, रॉ के पूर्व चीफ सामंत गोयल, रॉ एजेंट विक्रम यादव और कारोबारी निखिल गुप्ता के नाम जारी किया है। इस समन में सभी पक्षों से 21 दिन के अंदर जवाब देने को कहा गया है। विदेश सचिव ने अमेरिकी अदालत के समन पर कहा कि जब पहली बार यह मामला हमारे संज्ञान में लाया गया तो हमने ऐक्शन लिया। इस मसले पर एक हाईलेवल कमेटी पहले ही गठित की गई है, जो जांच कर रही है। मैं अब उस शख्स की ओर ध्यान दिलाना चाहता हूं, जिसने यह केस दर्ज किया है। गुरपतवंत सिंह पन्नू का इतिहास सभी को पता है, वह किस तरह एक गैर-कानूनी संगठन से जुड़ा रहा है। यह सभी को पता है। गुरपतवंत सिंह एक कट्टरपंथी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस का मुखिया है। वह भारतीय नेताओं और संस्थानों के खिलाफ जहरीले बयान देता रहा है। भारत सरकार ने 2020 में गुरपतवंत सिंह पन्नू को आतंकवादी घोषित कर दिया था। बीते साल नवंबर में ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि पन्नू की हत्या की साजिश अमेरिका ने नाकाम कर दी है। पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा दोनों ही देशों की नागरिकता है। इस रिपोर्ट की बाद में जो बाइडेन प्रशासन ने भी पुष्टि की थी। इस मसले की जानकारी मिलने पर विदेश मंत्रालय ने कहा था कि यदि ऐसा है तो यह चिंता का विषय है। हम इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करा लेते हैं।
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