लाहौर। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में तीन साल की एक बच्ची ने स्थानीय सरकार के खिलाफ याचिका दायर की है। दरअसल प्रांत, विशेष रूप से इसकी राजधानी लाहौर, धुंध के गंभीर प्रभाव से जूझ रही है, जिससे एयर क्वालिटी बेहद खतरनाक बनी हुई है। गुरुवार की सुबह लाहौर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) ग्लोबल रैंकिंग में टॉप पर रहा। एक्यूआई का स्तर 800 अंक से भी अधिक था, जिससे वहां की हवा निवासियों के लिए गंभीर रूप से खतरनाक हो गई। स्विस एयर क्वालिटी मॉनीटर ‘आईक्यू-एयर’ के अनुसार, लाहौर दुनिया के सबसे हाई एक्यूआई वाले शहरों में टॉप पर है। कई मौकों पर इसका स्तर 1000 को भी पार कर गया है। लंबे समय से जारी खराब मौसम की वजह से लोगों का अपने घरों से बाहर निकलना असंभव हो गया। अस्पताल भी सांस की समस्याओं से पीड़ित लोगों से भर रहे हैं। खराब एयर क्वालिटी के कारण प्रांत के हजारों नागरिक सांस की बीमारियों के प्रति संवेदनशील हो गए हैं। प्रांतीय सरकार और डॉक्टरों ने सभी को सलाह दी है कि जब भी अपने घरों से बाहर निकलें तो मास्क पहनें। प्रांतीय सरकार ने पूरे प्रांत में स्मॉग इमरजेंसी लागू कर दी है। लाहौर और अन्य जिलों में उच्चतर माध्यमिक स्तर तक के सभी शैक्षणिक संस्थानों को 17 नवंबर तक बंद कर दिया गया है। इस बीच, एक तीन साल की बच्ची ने गुरुवार को लाहौर हाई कोर्ट (एलएचसी) में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में नाकाम रहने पर प्रांतीय सरकार के खिलाफ मामला दर्ज कराया। याचिकाकर्ता अमल सेखेरा ने अपने वकील के जरिए याचिका में कहा कि छोटे बच्चे और बुजुर्ग वायु प्रदूषण से गंभीर रूप से प्रभावित हैं और उन्होंने अपने लिए, दोस्तों और आने वाली पीढ़ियों के लिए इंसाफ की मांग की है।याचिका में कहा गया है, “संविधान के अनुच्छेद 99-ए के तहत सरकार नागरिकों को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण प्रदान करने के लिए बाध्य है।” याचिका में पाकिस्तान के संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों की रक्षा करने में नाकाम रहने के लिए पंजाब सरकार की आलोचना की गई। पंजाब सरकार की सीनियर प्रांतीय मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि धुंध की तीव्रता कम से कम 10 दिन और जारी रहने की उम्मीद है, जिसके कारण शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए हैं और लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है। मुल्तान और गुजरांवाला जैसे कई अन्य शहर भी मौजूदा मौसम की स्थिति से बुरी तरह प्रभावित हैं।