राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने संविधान के अंगीकरण के 75 साल पूरे होने के अवसर पर प्रदेशवासियों का आवाहन किया है कि संविधान दिवस पर अपने सभी कार्यों में संवैधानिक नैतिकता के पालन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को सत्यनिष्ठा के साथ दोहराएं। संकल्प करे कि नागरिक अपने आचरण और व्यवहार से संविधान से प्राप्त अधिकारों और सौंपे गए कर्तव्यों के पालन के लिए जन जागरूकता को बढ़ाने में सक्रिय योगदान देंगे।

राज्यपाल श्री पटेल राज्य शासन द्वारा आयोजित संविधान प्रस्तावना के सामूहिक वाचन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में राजनेताओं, अधिकारियों और नागरिकों को हंस ध्वनि सभागार, रवीन्द्र भवन में संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल श्री पटेल ने कार्यक्रम में सहभागी जनों को संविधान प्रस्तावना का सामूहिक वाचन कराया। इस अवसर पर भारत सरकार द्वारा निर्मित वृत्त चित्र ग्लोरी ऑफ कंस्टीटूशन और प्रदेश के संसदीय कार्य विभाग द्वारा तैयार की गई लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होने का दिन हम सब भारतीयों के लिए गर्व और विश्वव्यापी मूल्यों की समझ का अवसर और उत्सव है। इस महत्वपूर्ण प्रसंग को “हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान” अभियान के रूप में मनाया जा रहा है। जरूरी है कि संविधान निर्माताओं द्वारा स्वतंत्र, लोकतांत्रिक और आत्म-निर्भर राष्ट्र निर्माण के लिए किए गए लम्बे संघर्ष और त्याग के बारे में भावी पीढ़ी को परिचित कराया जाए। संविधान दिवस को केवल शासन और राजनैतिक दलों का उत्सव नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माताओं के योगदान के प्रति आभार के उत्सव के रूप में मनाया जाए। हम सबका दायित्व है कि संविधान के अनुसार जाति, धर्म, लिंग, भाषा इत्यादि के आधार पर भेदभाव किए बिना, एक सशक्त और समावेशी समाज बनाने में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे।

राज्यपाल श्री पटेल ने संविधान दिवस के पावन प्रसंग पर भारतीय संविधान के शिल्पकार बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और संविधान सभा के सभी महान व्यक्तित्वों का पुण्य स्मरण किया। उन्हंत नमन करते हुए कहा कि उनकी अद्भुत दूरदृष्टि और प्रयासों ने हमें एक ऐसा संविधान दिया है, जो सभी नागरिकों को समानता, स्वतंत्रता और न्याय प्रदान करता है। इसके लिए हम सब उनके प्रति कृतज्ञ है। उन्होंने सभी प्रदेशवासियों को संविधान दिवस की हार्दिक बधाई दी।

संविधान, हमारे देश की आत्मा का प्रतिबिम्ब है : उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि हमारा संविधान कानूनों का संग्रह नहीं, हमारे देश की आत्मा का प्रतिबिम्ब है। “हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान” अभियान की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि संविधान ने हमें स्वाधीन जीवन जीने का अधिकार देने के साथ ही स्वतंत्रता की सीमा भी बताई है। श्री देवड़ा कहा कि हम सब सौभाग्यशाली है कि हमारे पास ऐसा संविधान है जो सभी को समानता, स्वतंत्रता और न्याय उपलब्ध कराता है। उन्होंने संविधान के निर्माता विभूतियों डॉ अम्बेडकर के चरणों में नमन करते हुए कहा कि संविधान के मूल्यों से भावी पीढ़ी को परिचित कराना, हम सबका दायित्व है।

26 नवम्बर संविधान को अंगीकृत करने का स्वर्णिय दिन है: मुख्य सचिव श्री जैन

मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने कहा कि भारतीय इतिहास में संविधान को अंगीकृत करने का स्वर्णिम दिवस 26 नवंबर का दिन है। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं के लगभग 3 वर्षों की कड़ी मेहनत से तैयार संविधान युगीन भावनाओं को प्रतिबिम्बित करने वाला सुदृढ़ जीवंत दस्तावेज है। हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था का आधार है। उन्होंने संविधान सभा के सदस्यों और बाबा साहेब अम्बेडकर का स्मरण करते हुए, उन्हें नमन किया।

राज्यपाल श्री पटेल सहित अतिथियों ने दीप प्रज्ज्विलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। अतिथियों का स्वागत पुष्प-गुच्छ भेंट कर किया गया। इस अवसर पर पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण विभाग की राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार श्रीमती कृष्णा गौर, विधायक द्वय श्री रामेश्वर शर्मा, श्री भगवान दास सबनानी और अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन श्री के.सी. गुप्ता मंचासीन थे।