भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी लिंक परियोजना के अंतर्गत प्रशासकीय स्वीकृति से शेष रही 16 परियोजनाओं के समूह को प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। इनकी लागत 28 हजार 798 करोड़ और सैंच्य क्षेत्र 04 लाख 72 हजार 970 हेक्टेयर होगा। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि स्वीकृत परियोजना से मध्यप्रदेश में मालवा एवं चंबल क्षेत्र के 10 जिले गुना, शिवपुरी, मुरैना, उज्जैन, सीहोर, इंदौर, देवास आगर मालवा, शाजापुर एवं राजगढ़ के 1865 ग्रामों के 4 लाख 73 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में नवीन सिंचाई क्षमता निर्मित होगी। मंत्री सिलावट ने बताया कि संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी लिंक परियोजना सह पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने के लिए सचिव भारत सरकार एवं दोनों राज्यों के अपर मुख्य सचिव के बीच मध्यप्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्री की उपस्थिति में 28 जनवरी 2024 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह परियोजना केंद्र द्वारा वित्त पोषित है, जिसकी लागत का वहन 90% केंद्र और 10% राज्यों द्वारा किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि प्रयोजन अंतर्गत मध्यप्रदेश की परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए कुल अनुमानित लागत 35 हजार करोड़ आकलित की गई है। परियोजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश में कुल 21 परियोजना प्रस्तावित थी, जिनमें से पाडोन-एक एवं पाडोन-दो सिंचाई परियोजना के कमांड क्षेत्र को इकजाई कर पाडोन वृहत सूक्ष्म सिंचाई परियोजना एवं पावा सिंचाई परियोजना तथा कटीला सिंचाई परियोजना के कमांड क्षेत्र को इकजाई कर कटीला पावा वृहत सूक्ष्म सिंचाई परियोजना, इस प्रकार 19 परियोजनाओं का कार्य सम्मिलित है।

इन परियोजनाओं को मिली प्रशासकीय स्वीकृति

मध्यप्रदेश राज्य की परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिये कुल अनुमानित लागत 35000 करोड़ आकलित की गई है। मंत्रि-परिषद द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं में धनवाडी वृहद सूक्ष्म सिंचाई परियोजना, नैनागढ बैराज वृहद सूक्ष्म सिंचाई परियोजना, सोनपुर वृहद सूक्ष्म सिंचाई परियोजना, कटीला-पवा वृहद सूक्ष्म सिंचाई परियोजना, श्यामपुर बैराज वृहद सूक्ष्म सिंचाई परियोजना, पार्वती कॉम्प्लेक्स वृहद सूक्ष्म सिंचाई परियोजना, जेठला (वैलेंसिंग रिजरवायर) वृहद सूक्ष्म उदवहन सिंचाई परियोजना, कुम्भराज वृहद सूक्ष्म सिंचाई परियोजना, पाडोन वृहद सूक्ष्म सिंचाई परियोजना (पाडोन-1 एवं पाडोन-2 बैराज), रंजीत सागर काम्पलेक्स वृहद सूक्ष्म सिंचाई परियोजना, कालीसिंध कॉम्पलेक्स वृहद सूक्ष्म सिंचाई परियोजना, लखुंदर काम्पलेक्स वृहद सूक्ष्म सिंचाई परियोजना, बछौड़ा देपालपुर वृहद सूक्ष्म सिंचाई परियोजना, सीकरी सुल्तानपुर मध्यम सूक्ष्म सिंचाई परियोजना, सोनचिरी मध्यम सूक्ष्म सिंचाई परियोजना एवं चम्बल नहर प्रणाली के नवीनीकरण और आधुनिकीकरण शामिल है।