भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान में मध्यप्रदेश ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल्स पार्क ने वंदे भारत ट्रेन के लिए बीएचईएल द्वारा सौंपे गए उच्च गुणवत्ता वाले बियरिंग पार्ट्स का सफलतापूर्वक निर्माण कर यह साबित कर दिया है कि राज्य देश का तकनीकी केंद्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कुशल नेतृत्व और कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल के मार्गदर्शन में ग्लोबल स्किल्स पार्क ने बियरिंग पार्टस निर्माण के प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करते हुए अपनी तकनीकी क्षमता को सिद्ध किया है। बियरिंग पार्टस निर्माण की इस परियोजना में अत्याधुनिक 3-एक्सिस और 5-एक्सिस सीएनसी मिलिंग और टर्निंग तकनीकों का उपयोग किया गया है। ग्लोबल स्किल्स पार्क के प्रशिक्षित विशेषज्ञों और युवाओं ने पूरी दक्षता के साथ बियरिंग पार्ट्स का निर्माण उच्च गुणवत्ता के साथ किया। यह केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम भी है।
तकनीकी शिक्षा और नवाचार का केंद्र
ग्लोबल स्किल्स पार्क, कौशल विकास और तकनीकी शिक्षा के समन्वय का बेहतरीन उदाहरण है। संस्था ने साबित किया है कि भारत में उन्नत तकनीकों का विकास और उन्हें विश्वस्तरीय उत्पादों में बदलना संभव है। ग्लोबल स्किल्स पार्क न केवल युवाओं को आधुनिक तकनीकी कौशल सिखा रहा है, बल्कि उन्हें रोजगार के नए अवसर भी प्रदान कर रहा है। ग्लोबल स्किल्स पार्क की यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि राज्य के प्रशिक्षित युवा वैश्विक औद्योगिक चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
ग्लोबल स्किल्स पार्क : आत्मनिर्भरता और प्रगति का प्रतीक
ग्लोबल स्किल्स पार्क की यह उपलब्धि ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की सफलता को मजबूत आधार प्रदान करती है। यह परियोजना बताती है कि उन्नत तकनीकों का उपयोग और स्थानीय प्रतिभा का सही मार्गदर्शन देश को वैश्विक औद्योगिक मानचित्र पर स्थापित कर सकता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में चल रहे इस अभियान के तहत, भारत ने तकनीकी और औद्योगिक क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत की है। ग्लोबल स्किल्स पार्क भोपाल जैसे संस्थान न केवल स्थानीय स्तर पर विकास की कहानी लिख रहे हैं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर आत्मनिर्भरता और तकनीकी उत्कृष्टता के उदाहरण भी पेश कर रहे हैं।