लेखक-सत्येंद्र जैन

मध्य प्रदेश में महाराजा विक्रमादित्य की भाँति परम प्रतापी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के कार्यकाल का पहला साल पूर्ण हुआ है।उद्यमशीलता के पर्याय यशस्वी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव मध्य प्रदेश में निवेश और उद्यमों को संवर्धित करने के लिए सर्वस्व उद्यम अर्पण कर रहे हैं।एक समय वर्ष 2003 में प्रदेश की औद्योगिक विकास दर माइनस में थी।भाजपा की शिवराज सिंह चौहान , उमा भारती और स्वर्गीय बाबूलाल गौर की सरकार के परिश्रम और उद्योग हितैषी नीतियों के माध्यम से आज प्रदेश की औद्योगिक विकास दर लगभग 24 प्रतिशत है।मध्य प्रदेश में औद्योगिक निवेश विकास के पथ पर सरपट दौड़ रहा है।आज मध्य प्रदेश में औद्योगिक निवेश लगभग 4 लाख करोड़ रुपए है।आज औद्योगिक क्षेत्र भी सैकड़ों हैं।भाजपा की मोहन सरकार का भविष्य में इस निवेश को 20 लाख करोड़ रुपए तक ले जाने का संकल्प है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने गहन अनुसंधान कर मध्य प्रदेश के विकास के रोडमैप को, ब्लू प्रिंट को तैयार किया है।यह भलीभांति अनुभव किया है कि प्रदेश के तीव्र आर्थिक विकास के लिए उद्योगों को,व्यापार वाणिज्य को बढ़ावा देना आवश्यक है।उद्यम क्षेत्र में अपार संभावनाएं विद्यमान हैं।इनका समुचित दोहन कर अर्थव्यवस्था को, औद्योगिक विकास को तीव्र गति प्रदान करेगा।यही कारण है कि उद्यमी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव,प्रदेश में उद्योगों का जाल बिछाने के लिए संकल्पित हैं।प्रदेश को औद्योगिक हब बनाने के लिये यशस्वी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पहली बार संभाग स्तर पर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के साथ ही देश के बड़े महानगरों में रोड-शो किए।विदेशों से भी उद्योगपतियों को आकर्षित कर निवेश लाने की पहल की। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के इन प्रयासों से मध्यप्रदेश आर्थिक रूप से सशक्त होगा और युवाओं को रोजगार के अधिकतम अवसर मिलेंगे।

मध्यप्रदेश को औद्योगिक हब,मैन्युफैक्चरिंग केंद्र बनाने और रोजगार के अवसर सृजित करना मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रदेश में हुई रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव उज्जैन, ग्वालियर, रीवा, जबलपुर, सागर और देश के महानगर मुंबई, कोयंबटूर, बैंगलुरू और कोलकाता में हुए रोड-शो से 2,76,070 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इससे 3,28,670 रोजगार सृजन होगा। मध्यप्रदेश में निवेश लाने के लिये डॉ मोहन यादव हर जगह जाने को तैयार हैं। चाहे वह देश के अंदर हो या देश के बाहर हो। उनका प्रयास है कि मध्यप्रदेश आर्थिक रूप से सबल हो और देश की अर्थव्यवस्था में महती भूमिका निभाए।आज भारत दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था में मध्य प्रदेश महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।देश की जीडीपी में योगदान 3.5 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 5 प्रतिशत हो गया है। भाजपा की मोहन सरकार देश की पाँच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था में 550 बिलियन डॉलर के योगदान की लक्ष्य पूर्ति हेतु संकल्पित है।मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की यूके और जर्मनी यात्रा के दौरान विभिन्न सत्रों, वन-टू-वन मीटिंग्स और राउंड-टेबल मीटिंग्स में चर्चा के अनुसार लगभग 78,000 करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। नर्मदापुरम में रि‍जनल इंडस्‍ट्री कॉन्क्लेव से 31,800 करोड से निवेश प्रस्‍ताव मिले जिससे 40 हजार रोजगार मिलेंगे। मोहन सरकार को प्रदेश में औद्योगिक निवेश हेतु लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव उद्यमियों से प्राप्त हुए हैं।वह दिन दूर नहीं जब मध्य प्रदेश का औद्योगिक निवेश वर्तमान में लगभग 4 लाख करोड़ रुपए है,बढ़कर शीघ्र ही दस लाख करोड़ होगा।खनिज क्षेत्र में भी राजस्व वर्तमान में 10 हजार करोड़ रुपए से 50 हजार करोड़ रुपए अर्जित करने के लिए संकल्पित हैं।विभिन्न प्रकार की औद्योगिक सब्सिडी भी उद्योगों को प्रदान की जा रही हैं। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के औद्योगिक लक्ष्यों की पूर्ति हेतु सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री चेतन कश्यप भी कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग कर रहे हैं।

कुशल प्रशासक महाराजा विक्रमादित्य की भाँति यशस्वी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः अर्थात परिश्रम से कार्य सिद्ध होते हैं, मनोरथ से नहीं इस मंत्र को आत्मसात कर मध्य प्रदेश में उद्योगों का जाल बिछा ,समृद्धि और सुख के सहस्रों प्रवेशद्वार खोल रहे हैं।भाजपा सरकार के यशस्वी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को एक साल बेमिसाल की हार्दिक बधाई।आप जनकल्याण क्षेत्र में नित नए कीर्तिमान गढ़ते जाएं।